नई दिल्ली- खुले बाजार में चीनी की कीमतें 35-40 रुपए किलो तक पहुंच जाने के बीच सरकार ने गुरुवार को कहा कि वह त्योहारी सीजन के दौरान गरीबों को राशन की दुकानों के जरिए 13।5 रुपए प्रति किग्रा. की दर से दो किलोग्राम अतिरिक्त चीनी बेचेगी। खाद्य एवं कृषि मंत्री शरद पवार ने संवाददाताओं से कहा कि राशन की दुकानों पर चीनी के दाम नहीं बढ़ाए जाएंगे। राशन की दुकानों पर इस समय किसी परिवार में प्रति व्यक्ति आधा किलो चीनी मिलती है। सितंबर से अक्टूबर तक इन दुकानों पर गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को दो किलोग्राम अतिरिक्त चीनी मिलेगी। यह सुविधा पर्वतीय इलाकों और उत्तर-पूवीर् राज्यों में गरीबी रेखा से ऊपर के परिवारों को भी मिलेगी। पवार ने कहा कि चीनी की मौजूदा कीमतों की तुलना पिछले सीजन के दाम से नहीं की जानी चाहिए क्योंकि इससे मामले की सही तस्वीर नहीं दिखेगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भारत ने चालू साल की मांग और आपूतिर् का अंतर पाटने के लिए 50 लाख टन कच्ची चीनी के आयात का कॉन्ट्रैक्ट किया है। सरकार इस कॉन्ट्रैक्ट से चीनी की बढ़ती कीमतों पर भी लगाम लगाना चाहती है
नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज की एजीएम में शरद पवार ने कहा, 'चीनी की जरूरत के मद्देनजर आयात किया जा रहा है। पहले ही 24 लाख टन कच्ची चीनी का आयात किया जा चुका है और बाकी का 26 लाख टन कच्ची चीनी के आयात का कॉन्ट्रक्ट अंतिम चरण में है।' खपत के मामले में भारत सबसे बड़ा देश है। साल 2007-08 (अक्टूबर से सितंबर) की 264 लाख टन चीनी की तुलना में चालू सीजन में 150 लाख टन चीनी होने का अनुमान है। इस बीच देश में 233-240 लाख टन चीनी की जरूरत रहने का अनुमान है। पवार ने कहा, 'अभी हम कम उत्पादन, कम स्टॉक, अधिक कीमत और घरेलू चीनी की कम उपलब्धता का सामना कर रहे हैं।' हालांकि सरकार घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार ने आयात के अलावा बल्क कंज्यूमर के यहां पड़े सरप्लस स्टॉक को बाजार में जारी किया। इस बीच कोऑपरेटिव शुगर मिल ने सूखे को देखते हुए 2009-10 सीजन के लिए गन्ने की न्यूनतम कीमत 107।76 रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग की है, ताकि अगले साल किसान गन्ने की खेती में अपनी रुचि दिखा सकें। नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेअवि शुगर फैक्ट्रीज (एनएफसीएसएफ) के प्रेसिडेंट जे बी पटेल ने बताया, 'एक बार बोनस देने से किसान अगले साल भी गन्ने की खेती में रुचि दिखा सकेंगे।' उन्होंने सरकार को याद दिलाया कि साल 2002-03 में गन्ने की वैधानिक न्यूनतम कीमत (एसएमपी) को सूखे की वजह से दोबारा बढ़ाया गया था। शुरुआत में इसे 62.05 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 64.50 रुपए प्रति क्विंटल किया गया था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 69.50 रुपए प्रति क्विंटल किया गया था। एजीएम में पटेल ने कहा कि भारत दुनिया का दूसरा ऐसा देश है जहां अगले महीने शुरू होने वाले आगामी सीजन के लिए सबसे कम ओपनिंग स्टॉक होगा। ट्रेड सूत्रों ने बताया कि अगले सीजन में भारत के पास ओपनिंग स्टॉक 30 लाख टन रहने का अनुमान है। (इत हिन्दी)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें