08 सितंबर 2009
पांच साल में 22 लाख बैरल बायोफ्यूल का दैनिक उत्पादन
बायोफ्यूल का वैश्विक उत्पादन 2014 तक बढ़कर 22 लाख बैरल प्रतिदिन तक पहुंच सकता है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी के डिप्टी एजूकेशन डायरेक्टर रिचर्ड जोंस ने सोमवार को कहा कि आगे बायोफ्यूल का भविष्य अच्छा है। परंपरागत तेल के उत्पादन में गिरावट की भरपाई इस ईंधन से हो सकती है।बैंकॉक में बोयोफ्यूल पर एक सेमिनार में जोंस ने कहा कि अगले पांच साल में गैसोलिन और गैस ऑयल की बढ़ी मांग की 15 फीसदी सप्लाई बायोफ्यूल से होगी। 2008 में बायोफ्यूल का वैश्विक उत्पादन 15 लाख बैरल प्रति दिन था। उन्होंने कहा कि फिलहाल परिवहन क्षेत्र में प्रयुक्त होने वाले ईंधन में बायोफ्यूल की हिस्सेदारी 1।5 फीसदी है। इसके 2030 तक बढ़कर 4 फीसदी तक पहुंचने की संभावना है। सरकारें सही नीतियां लागू करे तो यह स्तर 8 फीसदी भी हो सकता है। 2050 तक तेल की वैश्विक खपत 10 करोड़ बैरल प्रति दिन होगी जिसमें बायोफ्यूल की हिस्सेदारी 25 फीसदी होगी। उन्होंने कहा कि हालांकि ऑयल इंडस्ट्री के सामने कई तरह की कठिनाइयां इस बीच होंगी, फिर भी 2014 तक बायोफ्यूल की आपूर्ति में शानदार बढ़ोतरी रहेगी। अमेरिका और ब्राजील बायोफ्यूल के सबसे बड़े उत्पादक के रूप में उभरेंगे और 80 फीसदी हिस्सेदारी इन दोनों देशों की हो सकती है। चीन में भी बायोफ्यूल का उत्पादन 2014 तक 50 हजार बैरल प्रति दिन तक पहुंच सकता है। शेष एशिया में भी तब तक 50 हजार बैरल बायोफ्यूल का उत्पादन प्रतिदिन होने लगेगा। थाईलैंड के ऊर्जा मंत्री वानरत चुंकुल ने इस मौके पर कहा कि दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में बायोफ्यूल का प्रमुख उत्पादक और निर्यात हब बनने की क्षमता है (बिज़नस भास्कर)
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