07 जुलाई 2009
वायदा बाजार में ज्यादातर जिंसों के भाव में गिरावट
आम बजट में प्रस्तावित कमोडिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (सीटीटी) हटाने की घोषणा के बावजूद वायदा बाजार में ज्यादातर कमोडिटी रेड जोन में दिखाई दिए। बजट घोषणाओं का कमोडिटी बाजार पर उल्टा असर दिखा है। ज्यादातर कृषि जिंसों के वायदा भाव में तगड़ी गिरावट रही। एंजिल ब्रोकिंग के एसोसिएट निदेशक (कमोडिटी एंड करेंसी) नवीन माथुर के मुताबिक बाजार के लिए बजट नकारात्मक रहा। खाद्य तेलों के आयात पर कम से कम 20 फीसदी की डयूटी लगाए जाने की उम्मीद थी। इसी उम्मीद में पिछले कुछ दिनों के दौरान सरसों, सोयाबीन, क्रूड पॉम ऑयल और रिफाइंड सोया ऑयल में लिवाली बढ़ी थी। लेकिन डयूटी के बार में कोई घोषणा नहीं होने से तिलहन और खाद्य तेल वायदा बिकवाली के शिकार हुए। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में दिनभर के कारोबार के दौरान सोयाबीन और रिफाइंड सोयातेल में तगड़ी मुनाफावसूली की बिकवाली हुई। ऑयलसीड कॉम्प्लेक्स में हुए कमजोर कारोबार का असर पूर वायदा बाजार पर दिखा। नतीजन क्रूड पाम तेल के साथ मेंथा, ग्वार सीड, ग्वार गम, आलू और जूट वायदा में गिरावट रही। एमसीएक्स में सबसे ज्यादा क्रूड पाम तेल जुलाई वायदा करीब 3.85 फीसदी लुढ़ककर 313.9 रुपये प्रति दस किलो पर बंद हुआ। इस दौरान रिफाइंड सोयातेल सितंबर वायदा में करीब 2.65 फीसदी की गिरावट आने से यह 464.75 रुपये प्रति दस ग्राम रहा। एनसीडीईएक्स में सरसों, सोयोबीन, सोयातेल, कालीमिर्च, जीरा और चना वायदा में गिरावट रही। बजट में बीपीएल परिवारों को तीन रुपये किलो की दर प्रति माह 25 किलो गेहूं देने का भी प्रावधान किया है। लेकिन इसका बाजार पर खास असर नहीं रहा। कोटा के कारोबारी उत्तम अग्रवाल के मुताबिक बेशक इस फैसले से सरकारी स्टॉक के गेहूं में उठान बढ़ेगा। लेकिन चूंकि यह उठान सरकार के गोदामों से ही होगा। लिहाजा गेहूं में तेजी की उम्मीद कम है। एनसीडीईएक्स गेहूं वायदा में भी अनिश्चित कारोबार के बीच नरमी कायम रही। बाजार के फिलहाल बजट की बाजार में तात्कालिक प्रतिक्रिया दिखाई दी है। कमोडिटीजकंट्रोल डॉट कॉम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र डागा के मुताबिक बजट प्रस्तावों का असर बाजार में अभी आने वाले दिनों में दिखेगा। वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में आने वाले दिनों में और सुधारात्मक घोषणाएं करने का संकेत दिए हैं। खाद्य तेल आयात पर डयूटी को लेकर कारोबारी कुछ ज्यादा उम्मीद कर रहे थे। लिहाजा इसमें मुनाफावसूली हुई है। सीटीटी हटने से बाजार में कारोबारियों का रुझान और बढ़ेगा। (Business Bhaskar)
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