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07 जुलाई 2009

टेक्सटाइल को राहत लेकिन यार्न व कॉटन व्यापारी निराश

बुर दौर से गुजर रहे टेक्सटाइल उद्योग ने बजट के बाद राहत महसूस की है। गिरते निर्यात और घटती मांग से इस उद्योग को काफी संकट का सामना करना पड़ रहा था। वित्त मंत्री ने बजट में उद्योग की दशा सुधारने के लिए देश में पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में हैंडलूम क्लस्टर खोलने की बात की है। इसके साथ ही राजस्थान में पावरलूम क्लस्टर खोलने का भी प्रस्ताव है। वित्त मंत्री ने कालीन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए श्रीनगर और मिर्जापुर में मेगा क्लस्टर खोलने की बात भी अपने बजट भाषण में कही।लेकिन यार्न और रॉ कॉटन के कारोबारी इसको लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं हैं। उन्हें बजट में इस क्षेत्र के लिए किसी खास पैकेज का इंतजार था। कॉटन व्यापारी समीर का मानना है कि सरकार को निर्यात आधारित नीति के लिए कोई विशेष पैकेज देना चाहिए था जो निर्यात हम करते है उसके लिए क्रेडिट बढ़ाने की आवश्यकता है। टेक्सप्रोसिल के चेयरमैन वी. एस. वेलायूथम ने कहा कि एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कारपोरशन में निर्यातकों के लिए 95 फीसदी का रिस्क कवर देना अच्छा कदम है। इसके साथ ही सरकार ने टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए जो 3140 करोड़ का फंड देने की बात की है, वह भी एक अच्छा निर्णय है। गौरतलब है कि वर्ष 2005 से टेक्सटाइल निर्माताओं और इस क्षेत्र से जुड़े कई उद्योगो के कजरें को निपटाने की कोई सरकारी व्यवस्था नहीं थी। वित्त मंत्री ने कपास के किसानों को राहत देते हुए उनके द्वारा लिए गए कजोर्ं को चुकाने के लिए एक टास्क फोर्स बनाने की भी बात कही है। किसानो ने बैकों के अलावा गैर वित्तीय संस्थानो से भी कर्जे लिए थे। सरकार का मुख्य उददेश्य किसानों को सूदखोरों के चंगुल से निकालने का है। देश में कपास की पैदावार बढ़ाने में कमोडिटी ट्रांजिकशन टैक्स का समाप्त होना भी टेक्सप्रोसिल के चेयरमैन अच्छा कदम मानते है। इसके साथ ही सरकार ने कृषि पैदावार को रखने के लिए वेयरहाउस में लगने वाले टैक्स को भी कम करने की बात कही है। वी. एस. वेलायूथम का कहना है कि कृत्रिम फाइबर और यार्न पर लगने वाली एक्साइज डयूटी को तर्कसंगत बनाया जाना राष्ट्रीय फाइबर पालिसी की दिशा में उठा पहला कदम है। पर उनका यह भी मानना है कि इसकी वजह से ब्लेंडेड टैक्सटाइल के निर्माण में प्रयोग होने वाले कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी होगी। (Business Bhaskar)

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