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07 जुलाई 2009

नए फार्मूले से सरकार का उर्वरक सब्सिडी बोझ घटेगा

2009-10 के बजट में उर्वरक उद्योग को लेकर बड़ी घोषणा की गई है। बजट में कहा गया है कि केंद्र सरकार पोषक तत्व आधारित सब्सिडी की ओर रुख करेगी। इसके अलावा देश भर के तमाम किसानों को सीधे तौर पर सब्सिडी देने की बात कही गई है। इसके अलावा बजट में रॉक फॉस्फेट पर कस्टम ड्यूटी पांच फीसदी से घटाकर दो फीसदी करने का प्रस्ताव किया गया है। रॉक फॉस्फेट उर्वरक बनाने के लिए महत्वपूर्ण घटक है। इन सभी घोषणाओं से सीधेतौर पर केंद्र सरकार को ही फायदा होगा। अगर उर्वरक बनाने में कंपनियों की लागत कम आएगी तो सरकार का सब्सिडी बोझ कम होगा। ऐसे में रॉक फॉस्फेट की कस्टम ड्यूटी घटाने से केंद्र सरकार को फायदा होगा। सरकार ने पोषकतत्व आधारित सब्सिडी की भी बात की है।इसके अलावा बजट में किसानों को सीधे सब्सिडी देने की भी बात कही गई है। हालांकि, इसके लिए कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है। ऐसे में यह कह पाना बेहद मुश्किल है कि यह योजना अमल में आएगी भी या नहीं। इससे पिछले बजट में तत्कालीन वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने भी किसानों की सीधे तौर पर सब्सिडी देने की बात कही थी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। उर्वरक कंपनियों का मानना है कि किसानों को सीधे तौर पर सब्सिडी दे पाना बेहद मुश्किल है। इस प्रक्रिया में कई व्यवहारिक दिक्कतें सामने आती हैं। दो साल पहले किसानों को सीधे तौर पर उर्वरक सब्सिडी दिए जाने के मामले में एक कमेटी का गठन भी किया गया था। अभी तक इस कमेटी की कोई रिपोर्ट नहीं आई है। लिहाजा, यह कह पाना बेहद मुश्किल है कि इस बार के बजट में किसानों को सीधे तौर पर सब्सिडी कब तक और कैसे दी जा सकेगी। फिलहाल बजट में उर्वरक संबंधी की गई तमाम घोषणाओं का लाभ सीधेतौर पर सरकार को होगा। सरकार का सब्सिडी बोझ काफी कम हो जाएगा। (Business Bhaskar)

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