कुल पेज दृश्य

09 जुलाई 2009

अनुमान से अधिक अमेरिकी स्टॉक से क्रूड लुढ़का

लंदन- अर्थव्यवस्था में कमजोरी के संकेतों और अधिक अमेरिकी क्रूड स्टॉक होने की खबरों के कारण बुधवार को कच्चा तेल लुढ़क कर 62 डॉलर प्रति बैरल के नीचे पहुंच गया। कच्चे तेल में दिसंबर मध्य के बाद गिरावट का यह सबसे लंबा दौर है। ओपेक की भी एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वित्तीय संकट के कारण तेल की मांग में आई कमी को सुधरने में एक साल का समय लग सकता है। इससे तेल में और कमजोरी आई। अगस्त डिलीवरी का अमेरिकी लाइट क्रूड 1.16 डॉलर लुढ़ककर 61.77 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। मंगलवार को यह 1.12 डॉलर गिरकर 62.93 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था। कच्चे तेल में लगातार छठे दिन गिरावट देखने को मिली है। लंदन ब्रेंट भी 90 सेंट्स गिरकर 62.33 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। मंगलवार को जारी अमेरिकन पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट (एपीआई) के आंकड़ों में कहा गया है कि डिस्टीलेट स्टॉक और गैसोलीन स्टॉक में अनुमान से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। टोकियो के मित्सुबिशी कॉर्प में रिस्क मैनेजर टोनी नूनन का कहना है, 'कुछ समय पहले लग रहा था कि गैसोलीन की मांग में सुधार आना शुरू हो गया है, लेकिन अब अचानक स्थितियां बुरी लगने लगी हैं। इसके पीछे दो वजहें हो सकती हैं- यह कीमतों को लेकर प्रतिक्रिया हो सकती है या यह हो सकता है कि अर्थव्यवस्था में अब भी काफी सुधार होने बाकी हैं।
पिछले महीने तेल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर पहुंच गई थीं। यह इस साल की अधिकतम कीमत है, लेकिन अर्थव्यवस्था में जल्द सुधार आने के अनुमान समाप्त होने और अमेरिकी स्टॉक में बढ़ोतरी के कारण तेल की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। बाजार की नजर इटली में जी8 की बैठक पर भी है। यह शुक्रवार तक जारी रहेगी। बुधवार को जारी ओपेक के 2009 वर्ल्ड ऑयल आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रूड ऑयल की 31 मिलियन बैरल प्रति दिन की खपत को वापस लौटने में अभी वक्त लगेगा। (ET Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: