मुंबई July 14, 2009
धातु विनिर्माताओं को बिक्री और मुनाफे में गिरावट की खबरें आ रही हैं।
जून-09 को समाप्त चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उत्पादन लागत ज्यादा रही और मांग में कमी रही। बहरहाल आने वाली तिमाहियों के दौरान बिक्री और मुनाफे में बढ़ोतरी के अनुमान हैं। इसमें प्रमुख योगदान कीमतों में बढ़ोतरी और स्थानीय मांग में तेजी का होगा।
ऐंजल ब्रोकिंग के धातु विश्लेषक के मुताबिक जून 2009 में समाप्त सप्ताह के दौरान स्टील की खपत में रिकवरी हुई है, जिसमें आधारभूत ढांचे में खपत का प्रमुख योगदान रहा। इसके साथ ही ऑटो क्षेत्र में भी रिकवरी हुई है। इसकी झलक घरेलू स्टील कंपनियों की बिक्री में देखने को मिल रही है।
मूल धातुओं की कीमतों में तेजी आई है और चीन द्वारा खरीद बढ़ने से कीमतों के न्यूनतम स्तर से 30-50 प्रतिशत तक का उछाल देखा गया। इस क्षेत्र में कीमतों में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी फ्लैट उत्पादों में जून-09 में हुई। लांग उत्पादों की कीमतों में भी अप्रैल मई के दौरान तेजी देखी गई, लेकिन जून महीने में मानसून के चलते निर्माण कार्य सुस्त पड़ने का भी असर पड़ा है।
लोहे और कोकिंग कोल जैसे प्रयोग में आने वाले कच्चे माल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। स्टील कंपनियों ने नए सौदे सस्ती दरों पर किए हैं। मूल धातुओं की कंपनियों के एलएमई में कीमतें बढ़ने से थोड़ी राहत मिली है।
हालांकि साल दर साल स्थिति से तुलना करें तो सभी मूल धातुओं की कीमतें कम हैं, लेकिन पूर्व की तिमाही की तुलना में तांबे, जस्ते और सीसे की कीमतों में 26-36 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। एल्युमीनियम की कीमतों में भी 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
टाटा स्टील द्वारा खराब प्रदर्शन के बाद इंटिग्रेटेड स्टील विनिर्माताओं की कुल बिक्री में 16 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया गया। करीब सभी स्टील कंपनियों के शुध्द मुनाफे में 45 प्रतिशत की गिरावट के अनुमान की उम्मीद की गई।
गिरावट की वजह उत्पादों की कीमतें और गोदामों का भरा होना रही। केवल टाटा स्टील की बिक्री में 12 प्रतिशत की गिरावट आई और शुध्द मुनाफा करीब 40 प्रतिशत रहने का अनुमान है। गैर लौह धातुओं की बिक्री में 15-20 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। (BS Hindi)
15 जुलाई 2009
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