नासिक July 14, 2009
मंदी का असर अंगूर की शराब बनाने के कारोबार पर भी पड़ा है।
देश के सबसे बड़े अंगूर की शराब के उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में उत्पादन में पिछले साल की तुलना में वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान 37.44 प्रतिशत की कमी आई है। भारत में अंगूर की शराब के कुल उत्पादन में महाराष्ट्र का योगदान 91 प्रतिशत के करीब है।
ग्रेप वाइन पार्क के तकनीकी समन्वयक जयदीप काले ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि मांग में कमी की वजह से महाराष्ट्र के अंगूर की शराब के उत्पादन में 37.44 प्रतिशत कमी आई है और वित्त वर्ष 2008-09 में उत्पादन 1.32 करोड़ लीटर रह गया है।
पिछले साल 2007-08 के दौरान कुल 2.11 करोड़ लीटर अंगूर की शराब का उत्पादन हुआ था। वित्त वर्ष 2008-09 में अंगूर की कुल शराब का उत्पादन 1.45 करोड़ लीटर रहा, जिसमें से महाराष्ट्र में 1.32 करोड़ लीटर उत्पादन हुआ। 2007-08 में अंगूर की शराब का कुल उत्पादन 2.25 करोड़ लीटर था।
देश की कुल 74 वाइनरीज में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 68 प्रतिशत है। 34 वाइनरीज तो केवल नासिक में हैं। 12 पुणे में, 13 सांगली में, 4 सोलापुर में, 3 बुलढ़ाना में और 2 उस्मानाबाद में हैं। महाराष्ट्र में करीब 9,000 एकड़ क्षेत्रफल में वाइन बनाने वाली अंगूर की खेती होती है, जिसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
ग्रेप वाइन की देश में कुल खपत में 80 प्रतिशत खपत महानगरों में होती है। देश में कुल खपत में मुंबई (39 प्रतिशत), दिल्ली (23 प्रतिशत), बेंगलुरु (9 प्रतिशत), और गोवा में 9 प्रतिशत खपत होती है। इसके अलावा 20 प्रतिशत खपत देश के अन्य हिस्सों में होती है।
काले ने कहा, 'भारत में वाइन की खपत बहुत कम है। वाइन पीने वाले देशों में फ्रांस और इटली के लोग प्रमुख हैं, जहां प्रति व्यक्ति प्रति साल खपत 60 से 70 लीटर है। अमेरिका में 25 लीटर, आस्ट्रेलिया में 25 लीटर और चीन में 4 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष की खपत है।
लेकिन अगर भारत की स्थिति देखें तो यहां पर प्रति व्यक्ति प्रति साल खपत 5-6 मिलीलीटर है। लेकिन भारतीय बाजार 30-40 प्रतिशत प्रति साल की रफ्तार से बढ़ रहा है और उम्मीद की जा रही है कि अगले 5-6 साल में खपत बहुत बढ़ जाएगी।' (BS Hindi)
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