02 जुलाई 2009
एमईपी बढ़ने से जून में प्याज का निर्यात धीमा
प्याज निर्यात में जून माह के दौरान कमी आने का अनुमान है। जानकारों के मुताबिक इसकी वजह घरेलू बाजार में इसके दाम बढ़ने पर जून में प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) में 30 डॉलर प्रति टन की वृद्धि करना है। जुलाई माह के लिए प्याज के एमईपी को जून के 185-190 डॉलर प्रति टन पर स्थिर रखा गया है।भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) के एक अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि मई के मुकाबले जून में प्याज का निर्यात घटकर 1.5-1.6 लाख टन रहने का अनुमान है। उनके मुताबिक अभी तक प्राप्त आंकडों के अनुसार 1.35 लाख टन प्याज का निर्यात हो चुका है। इसमें 15-25 हजार टन का और इजाफा हो सकता है। नेफेड के अनुसार मई में 2.2 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया था। निर्यात में कमी की वजह एमईपी में बढ़ोतरी को माना जा रहा है। दरअसल प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए नेफेड ने जून माह के लिए प्याज के औसत एमईपी में 30 डॉलर टन का इजाफा करके 185-190 डॉलर प्रति टन कर दिया था। इसके अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश की मांग घटने के कारण भी प्याज के निर्यात में कमी आई है। दरअसल जून के दौरान पाकिस्तान और बांग्लादेश में घरेलू प्याज की सप्लाई बढ़ने के कारण प्याज आयात में कमी आई है। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान पाकिस्तान को होने वाले प्याज निर्यात में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। इस दौरान पाकिस्तान को 75 हजार टन प्याज का निर्यात किया गया। जबकि वित्त वर्ष 2007-08 में महज 4,787 टन निर्यात हुआ था। पिछले वित्त वर्ष के दौरान प्याज के दाम अधिक मिलने के कारण निर्यात में काफी इजाफा हुआ था। वित्त वर्ष 2008-09 में भारत से प्याज का निर्यात करीब 51 फीसदी बढ़कर 16.70 लाख टन हो गया। वित्त वर्ष 2007-08 में 11.01 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया था। वहीं वित्त वर्ष 2008-09 में 76.36 लाख टन प्याज की पैदावार हुई थी, जबकि वित्त वर्ष 2007-08 में इसकी उपज 74.50 लाख टन थी। (Business Bhaskar)
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