मुंबई/नई दिल्ली : बजट में गोल्ड बार पर कस्टम ड्यूटी 100 रुपए प्रति दस ग्राम से बढ़ाकर 200 रुपए प्रति दस ग्राम और चांदी पर इस शुल्क को 500 रुपए प्रति किलो से 1,000 रुपए प्रति किलो करने के प्रस्ताव से दिल्ली के कारोबारियों और ज्वैलर्स में भारी नाराजगी है। वित्त मंत्री ने इसकी भरपाई के लिए ब्रांडेड ज्वैलरी को एक्साइज ड्यूटी से छूट दी है। दिल्ली के कारोबारियों का कहना है कि सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी बढ़ने से जेवरात बनाने की लागत बढ़ेगी। उनके मुताबिक, ब्रांडेड जेवरों पर एक्साइज ड्यूटी में छूट से आयातित जेवरात की बिक्री बढ़ेगी। वहीं जानकारों का कहना है कि इस कदम से पहले से ऊंची चल रही सोने और चांदी की कीमतें और बढ़ेंगी। सरकार के इस कदम से सोने की तस्करी को बढ़ावा मिलने की भी आशंका है।
बोनांजा ब्रोकरेज के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट (गोल्ड) विभुरतन धारा के मुताबिक सरकार के इस कदम से सोने की कीमतों में एक फीसदी तक की तेजी आएगी। साथ ही चांदी की कीमतों में दो फीसदी तक की तेजी आने की उम्मीद है। विभुरतन कहते हैं, 'कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर सरकार राजस्व बढ़ाने की कोशिश कर रही है। वहीं, ब्रांडेड ज्वैलरी के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इससे एक्साइज ड्यूटी हटाई है।' सोने की कीमतों के ऊपरी स्तर पर बने रहने के कारण दिल्ली में पहले ही ज्वैलरों का कारोबार ठंडा पड़ा हुआ है। ऐसे में सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी में इजाफा होने से उनके कारोबार पर बुरा असर पड़ सकता है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के प्रबंध निदेशक (भारतीय उपमहाद्वीप) अजय मित्रा के मुताबिक, 'इससे सोने की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कीमतों के बीच का अंतर बढ़कर 3 से 3.5 फीसदी (प्रति 10 ग्राम) पर पहुंच सकता है। साथ ही त्योहारों के सीजन पर इससे सोने की तस्करी में भी बढ़ोतरी होगी।' करोलबाग के कैलाश ज्वैलरी हाउस के कीमती लाल जैन कहते हैं कि इससे सोने की पहले से दबाव में चल रही घरेलू मांग कमजोर पड़ेगी। आयात में कमी आना तो निश्चित है। दरीबा ज्वैलर्स असोसिएशन के अध्यक्ष निर्मल जैन के मुताबिक, 'सरकार का फैसला गलत है। सरकार को मांग में बढ़ोतरी के उपाय करने चाहिए थे। आयात शुल्क में बढ़ोतरी से गलत तरीकों से सोने के आयात में इजाफा हो सकता है। साथ ही ब्रांडेड ज्वैलरी से उत्पाद शुल्क कम करने से भी छोटे ज्वैलरों को मुश्किलें आएंगी'। (ET Hindi)
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