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07 जुलाई 2009

ग्रामीण विद्युतीकरण के लिए बढ़ा बजट

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 2012 तक सभी गांवों में बिजली पहुंचाने वाली राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतिकरण योजना के बजट में अच्छी ख़ासी बढ़ोतरी की है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने इस योजना का बजट संशोधित अनुमान के 4933 करोड़ रुपये के मुकाबले चालू वर्ष के लिए बढ़ाकर 6300 करोड़ रुपये किया है।वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अपने बजट भाषण में एपीडीआरपी को 2080 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव दिया। सरकार ने बजट में बिजली क्षेत्र को ख़ासा महत्व देते हुए इसके बजट में 26820 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की है। इसमें राजीव गांधी विद्युतीकरण के बजट में ख़ासी बढ़ोतरी हुई है। दरअसल यह योजना 2005 में शुरू की गई थी। जिसमें 1.25 लाख गांवों और 2.3 करोड़ गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को 2012 तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन अभी तक सिर्फ 61000 गांवों तक ही बिजली पहुंच पाई है और बहुत सारे गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को बिजली नहीं मिली है। जबकि इस लक्ष्य को पाने के लिए तीन सालों का समय ही बचा है। इसी कारण से सरकार ने इस योजना के बजट में ख़ासी बढ़ोतरी कर दी है। इस योजना के फंड में बढ़ोतरी से विद्युत ट्रांसमिशन से लेकर बिजली जेनरेशन सभी कंपनियों को फायदा मिलेगा। (ब्यूरो)इसी तरह वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने विद्युत वितरण में होने वाले ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन (टीएंडडी) घाटे को कम करने के लिए एपीडीआरपी योजना में भी 160 फीसदी की बढ़ोतरी की है। वित्त मंत्री ने विंड एनर्जी को भी महत्व देते हुए इसके परमानेंट मैगनेट्स के सीमा शुल्क को 7.5 फीसदी से घटाकार पांच फीसदी कर दिया है। इससे विंड एनर्जी क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों को ख़ासा फायदा होने की उम्मीद है। (Buisness Bhaskar)

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