07 जुलाई 2009
फलों की बर्बादी रोकने की चुनौती होने पर भी बजट नहीं बढ़ा
बागवानी क्षेत्र के लिए बजट में किए आवंटन से पता चलता है कि पैसे की कोई कमी नहीं है। यह क्षेत्र खर्च करने में जरूर सुस्त रहा है। बागवानी क्षेत्र की बर्बादी रोकना सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन का केंद्रीय बजट 2009-10 में खास ध्यान रखा गया है। इसको बढ़ावा देने के लिए एक ओर जहां सरकार ने बागवानी मिशन का बजट 100 करोड़ रुपये बढ़ाकर 1100 करोड़ रुपये (पिछले साल के संशोधित बजट के अनुपात में) कर दिया है। लेकिन पिछले बजट प्रस्ताव के आंकड़े पर गौर करें तो पता चलेगा कि इसका बजट पिछले साल के बराबर ही रहा है।वहीं दूसरी ओर निवेश संबंधी कर छूट देने के फैसले से कोल्ड चेन की स्थापना और संचालन को बढ़ावा मिलेगा। यह छूट कृषि उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोर बनाने पर भी लागू है।राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के प्रबंध निदेशक विजय कुमार ने बिजनेस भास्कर को बताया कि देश में फल एवं सब्जियों के लिए पर्याप्त कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था के अभाव में हर साल 25-30 फीसदी फल एवं सब्जियां यूहीं बर्बाद हो जाती है। ऐसे में निवेश पर कर संबंधी छूट मिलने से इस क्षेत्र में कोल्ड चेन और कोल्ड स्टोरेज बनाने के निजी कंपनियों से अधिक निवेश होने की उम्मीद है। बजट 2008-09 में भी बागवानी मिशन ेके लिए पहले 1100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। जिसे बाद में संशोधित करके 1000 करोड़ रुपये कर दिया गया था। इस लिहाज से देखें तो बागवानी मिशन के लिए आवंटित राशि पिछले बजट के बराबर ही है। दरअसल बजट में आवंटित राशि का पूरा उपयोग न होने के कारण इसमें संशोधन किया गया था।विजय कुमार कहना है कि पिछले बजट में आवंटित राशि कुल बजटीय आवंटन के कुछ भाग का जरूर खर्च नहीं हो पाया है किंतु इस मिशन के अंतर्गत वित्त वर्ष 2008-09 में कि ए गए कुल खर्च में बढ़ोतरी ही हुई है। वित्त वर्ष 2007-08 में इस मिशन के अंतर्गत 930 करोड़ रुपये ही खर्च हुए थे। उन्होंने कहा कि इसकी शुरूआत के बाद से लगातार इसके बजटीय आवंटन के साथ ही खर्च में भी बढ़ोतरी हुई है। उनके अनुसार बागवानी मिशन में पैसे की कोई खास समस्या नहीं है, सबसे बडा सवाल हर साल करोड़ों रुपये के फल एवं सब्जियों की बर्बादी को रोकना है। बागवानी मिशन वित्त वर्ष 2005-06 में शुरू किया गया था। उस वर्ष इसके लिए 630 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया गया था। इस मिशन की शुरूआत की बाद से लगातार बागवानी फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी हो रही है। साथ ही, बागवानी फसलों के बुवाई क्षेत्रफल में भी बढ़ोतरी हुई है। अंतरिम बजट में वित्त वर्ष 2008-09 के लिए इसके 5.5 फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया गया है जो वित्त वर्ष 2007-08 में 4 फीसदी के स्तर पर थी। बागवानी फसलों के पैदावार में बढ़ोतरी के लिए बागवानी मिशन की शुरूआत की गई थी। इसके अंतर्गत केंद्र सरकार फूलों, फल और सब्जियों की पैदावार में बढ़ोतरी का प्रयास करती है। इसके अंतर्गत इन फसलों के लिए नए बाजार को तैयार करना, जांच के लिए प्रयोगशालाओं की स्थापना करना शामिल है। बोर्ड फल एवं सब्जी की व्यवसायिक खेती के रकबा बढ़ाने के लिए 20 फीसदी और कोल्ड स्टोर बनाने के लिए 25 फीसदी की सब्सिडी मुहैया कराता है। (Buisness Bhaskar)
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