नई दिल्ली- होलसेल और खुदरा कीमतों के बढ़ने के भय से सरकार बजट में खाद्य तेलों के आयात पर फिर से आयात शुल्क नहीं लगाने का फैसला कर सकती है। सरकार को चिंता है कि इससे पहले से ही ऊंची दर पर चल रही खाद्य पदार्थों की महंगाई के ऊपर और दबाव पड़ेगा। माना जा रहा है कि बजट से पहले खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इस बारे में वाणिज्य और वित्त दोनों मंत्रालय को सुझाव दिया है। नाम न छापने की शर्त पर खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, 'सामान्य स्थिति में ड्यूटी फिर से लगा दी जाती क्योंकि आयातित खाद्य तेल पर ड्यूटी से सरकार को अच्छा राजस्व मिलता है। हालांकि अभी स्थिति ठीक नहीं है। आवश्यक खाद्य कमोडिटी की कीमतों और उपभोक्ताओं पर उनके कारण पड़ने वाले प्रभाव पर नजर रखना बेहद जरूरी है।' अनुमान के मुताबिक 20 फीसदी की ड्यूटी फिर से लगाने पर खाद्य तेल की कीमत करीब 5-6 रुपए प्रति किलो बढ़ जाएगी और सरकार यह बिल्कुल नहीं चाहती। मानसून में देरी के कारण ऑयलसीड के बुआई क्षेत्र में कमी आई है। क्रॉप वेदर वाच ग्रुप के अनुसार पिछले साल के मुकाबले इस बार ऑयलसीड के कुल उत्पादन क्षेत्र में 17.5 फीसदी की गिरावट आई है। पिछले साल इस समय तक 5.02 लाख हेक्टेयर भूमि पर बुआई हो चुकी थी, लेकिन इस बार आंकड़ा 4.14 लाख हेक्टेयर पर ही अटका है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार का मानना है कि ड्यूटी को फिर से लगाने से सबसे ज्यादा आयातकों और सट्टेबाजों को फायदा होगा। इससे उपभोक्ताओं और ऑयलसीड उत्पादकों को कोई लाभ नहीं मिलेगा।
महंगाई दर के लगातार गिरने के बावजूद साल की पहली छमाही में फलों, सब्जियों के अलावा आवश्यक कमोडिटीज जैसे दालों, गेहूं, चावल और चीनी की कीमतों में तेज बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसे देखते हुए सरकार ने घरेलू मांग को पूरा करने के लिए न केवल ऊंची कीमत पर चीनी आयात की बल्कि चीनी के भंडारण पर रोक लगाई और फ्यूचर्स ट्रेडिंग पर भी रोक लगाई। सरकार ने अनाजों के निर्यात पर भी शर्तों के साथ प्रतिबंध लगा रखा है। चावल, उड़द और तूर के भी वायदा कारोबार पर प्रतिबंध है। सरकार के इस कदम के समर्थन के लिए कारण भी हैं। ऑयलसीड साल की शुरुआत के मुकाबले इस समय कीमतें काफी ज्यादा हैं। होलसेल में रिफाइंड सोया ऑयल की कीमत 50-52 रुपए प्रति किलो है जबकि खुदरा भाव 62-65 रुपए है। मूंगफली तेल होलसेल बाजार में 68-70 रुपए है तो खुदरा में 82-85 रुपए प्रति किलो। पिछले साल के मुकाबले इस ऑयलसीड की शुरुआत से अब तक खाद्य तेल के आयात में 70 फीसदी तक बढ़ोतरी हो चुकी है। (ET Hindi)
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