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04 जुलाई 2009

टैक्स फ्री चीनी आयात की अनुमति सितंबर तक रहने की आशा

घरेलू मांग की पूर्ति के लिए प्राइवेट मिलों को शुल्क मुक्त चीनी (रॉ शुगर व रिफाइंड शुगर) आयात करने की अनुमति सितंबर तक के लिए बढ़ाई जा सकती है। खाद्य मंत्रालय में मुख्य निदेशक (शुगर) राजपाल भागरिया ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि सरकार इस पर विचार कर रही है। चीनी के शुल्क मुक्त आयात की अवधि 31 जुलाई को समाप्त हो रही है। देश में चीनी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। चालू पेराई सीजन में 150-155 लाख टन का उत्पादन होने की संभावना है। जबकि सीजन के शुरू में 100 लाख टन का बकाया स्टॉक बचा हुआ था। सितंबर तक लगभग 10 लाख टन आयातित रॉ शुगर से चीनी बना ली जाएगी। अत: देश में चीनी की कुल उपलब्धता 260-265 लाख टन की बैठेगी। देश की सालाना खपत 225-230 लाख टन की है। ऐसे में नए सीजन के शुरू में सिर्फ 35 लाख टन स्टॉक बचने की उम्मीद है। उधर फुटकर बाजार में चीनी के दाम 26-27 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि मिलों की लागत में बढ़ोतरी को देखते हुए फुटकर बाजार में चीनी के मौजूदा दाम वाजिब हैं। उत्तर प्रदेश में चालू सीजन में मिलों को गन्ने की खरीद 160-180 रुपये प्रति क्विंटल की दर से करनी पड़ी थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी दाम ऊंचे चल रहे हैं, ऐसे में आयात में बढ़ोतरी के बावजूद चीनी की फुटकर कीमतों में गिरावट के आसार नहीं है। अभी तक करीब 25 लाख टन रॉ शुगर के आयात सौदे हो चुके हैं तथा करीब 17.5 लाख टन चीनी भारत में आ चुकी है। इसके अलावा करीब 1.1 लाख टन रिफाइंड चीनी के आयात सौदे हो चुके हैं तथा जुलाई के आखिर तक दो लाख टन के सौदे होने की संभावना है। कुल मिलाकर दोनों तरह की चीनी के करीब 30 लाख टन के आयात सौदे होने की संभावना है।दिल्ली थोक बाजार में इस समय चीनी के दाम 2525-2575 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं जबकि उत्तर प्रदेश में मिलों के भाव 2350-2425 रुपये प्रति क्विंटल बोले जा रहे हैं। (Business Bhaskar)

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