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15 जुलाई 2009

खाद्य तेलों के आयात पर भारत अब भी निर्भर

नई दिल्ली. भारत को भले ही कई मोर्चे पर लगातार अच्छी सफलता मिल रही हो, लेकिन खाद्य तेलों के आयात पर उसकी निर्भरता अब भी काफी ज्यादा है। खाद्य राज्यमंत्री के.वी.थामस के ताजा वक्तव्य से भी इसकी पुष्टि होती है। उन्होंने लोकसभा में बताया कि घरेलू जरूरतों की पूर्ति के लिए भारत को 65 लाख टन से भी ज्यादा खाद्य तेलों का आयात करना पड़ेगा।उन्होंने बताया कि 2008-09 के तेल वर्ष के दौरान देश में खाद्य तेलों की खपत 151 लाख टन से भी ज्यादा रहने का अनुमान है, जबकि इसका घरेलू उत्पादन महज 85.52 लाख टन ही रहने की संभावना है। थामस ने बताया कि सरकार ने विगत महीनों के दौरान क्रूड और रिफाइंड खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में कटौती समेत कई कदम उठाए हैं। इसी तरह देश में खाद्य तेलों का उत्पादन बढ़ाने और इनकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। इसके लिए कई स्कीमें लागू की गई हैं। थामस ने वर्ष 2005-06 के बाद से अब तक के लिए खाद्य तेलों के उत्पादन और मांग अनुमान जारी करते हुए लोकसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी। (Business Bhaskar)

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