नई दिल्ली: दिल्लीवासियों को अब पहले के मुकाबले ज्यादा ताजा सब्जियां और फल खाने को मिल पाएंगे। साथ ही, शहर में सब्जी-फल के रोजाना 12,000 टन के कारोबार को नया जीवन मिलेगा। रेल मंत्री ममता बनर्जी ने रेल बजट में किसानों और कारोबारियों के लिए रेलवे की ओर से कोल्ड स्टोर खोलने की घोषणा की है। अगर रेल मंत्रालय ने दिल्ली मास्टर प्लान के दायरे में नए कोल्ड स्टोरों का खाका तैयार कर लिया तो दिल्ली में कोल्ड स्टोर की किल्लत अतीत की बात हो जाएगी। रेल बजट में कोल्ड स्टोरेज और तापमान नियंत्रित कार्गो सेंटर खोलने के एलान से दिल्ली के फल और सब्जी कारोबारियों में उत्साह है। रेल मंत्री ने फलों, सब्जियों और मछलियों जैसे जल्दी खराब होने वाले उत्पादों को उत्पादन स्थानों से खपत वाले इलाकों में पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेनें चलाने का एलान किया है।
बजट भाषण में कोल्ड स्टोरेज बनाने और तापमान नियंत्रित कार्गो सेंटर स्थापना के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) का सहारा लेने पर जोर दिया गया। ममता ने कहा कि इस काम के लिए रेलवे सही स्थानों की पहचान करे और परियोजना सही ढंग से चलाने के लिए पेशेवर एजेंसियों की मदद ले। ममता के एलान पर फिक्की के चेयरमैन हर्षपति सिंघानिया ने कहा, 'कोल्ड स्टोरेज खोलने से खाद्य पदार्थों और सब्जियों की बर्बादी रोकी जा सकेगी। यह देश में दूसरी हरित क्रांति की दिशा में शुरुआती कदम है।' रेल मंत्री की घोषणा पर दिल्ली के सब्जी और फल कारोबारियों ने भी खुशी जाहिर की। दिल्ली कृषि विपणन बोर्ड के चेयरमैन ब्रह्मा यादव ने कहा, 'जल्दी खराब हो जाने वाले फलों व सब्जियों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाने और तापमान नियंत्रित कार्गो सेंटर खोलने से दिल्ली में फलों और सब्जियों के कारोबार को रफ्तार मिलेगी।' उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने भी इस तरह की योजना शुरू की थी, लेकिन तब यह स्कीम कामयाब नहीं हो पाई। इस वक्त दिल्ली में आलू और प्याज ही ऐसी सब्जियां हैं जिनकी आवक रेल के जरिए होती है। ऐसे में दूसरी सब्जियों की ढुलाई को रफ्तार मिलने की उम्मीद है। दिल्ली में हर दिन करीब 8,500 टन फलों की आवक होती है, साथ ही यहां 3,500 टन से 4,000 टन सब्जी आती है। गौरतलब है कि मास्टर प्लान 2021 के प्रावधानों के तहत दिल्ली में वेयरहाउस और कोल्ड स्टोरेज खोलना ज्यादा कठिन हो गया है। दो साल पहले मास्टर प्लान के चलते कई मौजूदा स्टोरों पर तालाबंदी का संकट आ गया था। ऐसे में अगर रेल मंत्रालय इस तरह की पहल करता है तो कारोबारियों को ज्यादा वक्त के लिए फलों और सब्जियों के भंडारण की सुविधा मिल सकेगी। आजादपुर एपीएमसी के सदस्य और फल कारोबारी मेठाराम कृपलानी के मुताबिक, 'रेल मंत्री के इस कदम से निश्चित तौर पर किसानों को फायदा होगा। जिन किसानों को मजबूरी में अपने उत्पाद बेचने पड़ते थे वे कोल्ड स्टोरेज खुलने से सही दाम आने तक अपने उत्पाद स्टोर कर सकेंगे।' उन्होंने कहा कि ऐसी कोशिश होनी चाहिए कि कोल्ड स्टोरेज बाजारों के नजदीक हों ताकि फलों और सब्जियों की बिक्री आसानी से हो सके। मेठाराम के मुताबिक, 'स्टेशनों को मार्केट से कनेक्ट करना बेहद जरूरी है, तभी किसानों के उत्पादों और कारोबारियों को पूरी तरह से फायदा हो सकेगा।' केला, आम और संतरे जैसे फलों की सप्लाई ट्रेन के जरिए होती है। दिल्ली में करीब 90 फीसदी केला और 50 फीसदी संतरे की आपूर्ति रेल के जरिए होती है। इसके अलावा विजयवाड़ा, विजयनगर, हैदराबाद और केरल जैसे दक्षिण भारतीय इलाकों से दिल्ली में आम की सप्लाई ट्रेन की जरिए होती है। दिल्ली के सब्जी कारोबारी वीरेंद राणा के मुताबिक, 'रेल मंत्री का कदम बढि़या है। आलू के अलावा दूसरी सब्जियों के आवागमन को किस तरह से रफ्तार मिलती है, यह देखना होगा।' आजादपुर एपीएमसी के चेयरमैन जे के बंसल के मुताबिक, 'रेल मंत्री के एलान से किसानों को काफी फायदा पहुंचने की उम्मीद है। अब किसान अपने उत्पादों को खराब होने से बचा सकेंगे, साथ ही इनकी बेहतर कीमत भी हासिल कर सकेंगे।' कोल्ड स्टोरेज और तापमान नियंत्रित कार्गो सेंटर के बारे में एलान करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि इस वक्त देश में किसानों को सालाना 35,000 करोड़ रुपए से 40,000 करोड़ रुपए का नुकसान फलों और सब्जियों के खराब होने से उठाना पड़ता है। (ET Hindi)
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