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08 जुलाई 2009

चाय बोर्ड को ई-नीलामी का आदेश

कोच्चि July 07, 2009
केरल उच्च न्यायालय के एकल पीठ ने कोच्चि में चाय बोर्ड को चाय की नीलामी के लिए न्यायालय द्वारा नियुक्त किए गए अधिवक्ता आयोग की सिफारिशों और रिपोर्ट के निष्कर्षों को लागू करते हुए ई-नीलामी को प्रभाव में लाने का निर्देश दिया है।
एकल न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी. गिरि ने बोर्ड को यह भी निर्देश दिया है कि वे आयोग की रिपोर्ट पर आधारित नई व्यापार प्रणाली में हुई भूल-चूक को भी ठीक करें। इसके अलावा, न्यायाधीश ने इस मामले के याची चाय खरीदार एसोसिएशन (टीबीए) को भी यह निर्देश दिया है कि अगर ई-नीलामी लागू किए जाने के बाद इस प्रणाली के संचालन में किसी भी तरह की कोई व्यावहारिक कठिनाइयां आती हैं तो वे अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
मालूम हो कि शुरुआत में न्यायालय ने इस मामले का अध्ययन करने और उसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए अधिवक्ताओं के एक आयोग का गठन किया था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट एकल न्यायाधीश को सौंपी और उसके बाद एकल न्यायाधीश ने चाय खरीदार एसोसिएशन और चाय बोर्ड को रिपोर्ट के निष्कर्षों पर जवाबी बहस फाइल करने का आदेश दिया था।
5-6 सप्ताह पहले चाय बोर्ड ने कोच्चि नीलामी व्यापार में ई-नीलामी को लागू किया था लेकिन व्यापारियों ने इसका पुरजोर विरोध किया। नीलामी की वजह से खरीदारों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था जिसकी वजह से 2-3 दिनों तक व्यापार दोनों प्रभावित रहा। एनएसई-आईटी ने ई-नीलामी की तकनीकी समस्याओं के लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया था।
व्यापारियों का कहना है कि नई प्रणाली के लागू हो जाने के बाद चाय कारोबार के बड़े खिलाड़ियों को अधिक फायदा होगा जबकि मध्यम और छोटे व्यापारियों के लिए ढेरों समस्याएं खड़ी हो जाएंगी। व्यापार में रूकावट आने की वजह से नीलामी केंद्र में करीब 60 लाख किलो चाय का ढेर लग गया था।
न्यायालय ने कुछ समय के लिए इस प्रणाली को जारी रखने का आदेश दिया था और आयोग का गठन किया था। चाय बोर्ड ने कोन्नूर नीलामी केंद्र में शत-प्रतिशत ई-नीलामी और तमिलनाडु के कोयम्बटूर में व्यापार के एक छोटे से हिस्से को लागू किया था।
असम के गुवाहाटी और कोलकाता के नीलामी व्यापार का 25 फीसदी हिस्सा ई-नीलामी के जरिए किया जाता है। ई-नीमाली को देश के सबसे बड़े चाय व्यापार केंद्र सिलिगुड़ी में शुरू किया जाना बाकी है। (BS Hindi)

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