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06 जुलाई 2009

पहली तिमाही में खली निर्यात 57प्रतिशत गिरा

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश से खली निर्यात में 57 फीसदी की गिरावट आई है। साल्वेंट एक्सटेक्ट्रस एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीईए) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों अप्रैल से जून तक देश से 614,528 टन खली का निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 1,433,806 टन का निर्यात हुआ था। निर्यात में गिरावट का प्रमुख कारण अंतरराष्ट्रीय मांग में कमी और तिलहनों की पेराई कम होना है।चालू वर्ष के जून महीने में खली का निर्यात घटकर 197,593 टन का हुआ है जबकि पिछले साल जून महीने में 295,204 टन का निर्यात हुआ था। पहली तिमाही में सोया खली का 287,047 टन, सरसों खली का 248,464 टन, राइसब्रान खली का 38,488 टन और केस्टर खली का 40,290 टन का निर्यात हुआ है।साई सिमरन फूड लिमिटेड के डायरेक्टर नरेश गोयनका ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मांग में कमी के कारण जून के मुकाबले चालू महीने में सोया खली की कीमतों में करीब दस डॉलर प्रति टन की गिरावट आई है। इस समय भारतीय बंदरगाह पर सोया खली के भाव घटकर 450 डॉलर प्रति टन रह गए हैं जबकि जून महीने में इसके भाव 460 डॉलर प्रति टन थे। इसी तरह से सरसों खली की कीमतों में भी करीब सात डॉलर प्रति टन की कमी आई है। सरसों खली के दाम पोर्ट डिलीवरी 255 डॉलर से घटकर 248 डॉलर प्रति टन रह गए हैं। मूंगफली खली के भाव पोर्ट डिलीवरी घटकर इस दौरान 381 डॉलर से घटकर 365 डॉलर, राइसब्रान खली के भाव 140 डॉलर से घटकर 133 डॉलर प्रति टन रह गए। हालांकि केस्टर खली के भाव पिछले एक महीने से 80 डॉलर प्रति टन पर स्थिर बने हुए हैं।मैसर्स आरती एग्रो इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर संजीव अग्रवाल ने बताया कि चालू महीने में अमेरिका में सोयाबीन की नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी। ऐसे में सोया खली की मौजूदा कीमतों में आगामी दिनों में और भी गिरावट की संभावना है। हालांकि घरेलू फसल आने में अभी करीब ढ़ाई-तीन महीने का समय शेष है। भारत से चीन, वियतनाम और दक्षिण कोरिया तथा जापान को खली का सबसे ज्यादा निर्यात होता है। सीईए के मुताबिक इस दौरान चीन की मांग में तो 71.4 फीसदी का इजाफा हुआ है लेकिन वियतनाम, दक्षिण कोरिया, जापान, इंडोनेशिया और थाईलैंड की मांग में भारी गिरावट आई है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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