06 जुलाई 2009
एमईपी बढ़ने के बावजूद प्याज में सीमित तेजी संभव
प्याज की कीमतों में आने वाले दिनों में बहुत ज्यादा तेजी के आसार कम लग रहे हैं। हालांकि चालू जुलाई माह के अंतिम सप्ताह के दौरान इसकी कीमतों में 50-70 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हो सकती है। कारोबारियों के अनुसार जुलाई के अंत में हरियाणा और राजस्थान लाइन से प्याज की स्थानीय सप्लाई धीमी पड़ने के कारण इसके मूल्यों में हल्की तेजी आ सकती है। वहीं जून महीने में ऊंचे न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) के चलते प्याज के निर्यात में गिरावट आई है। राष्ट्रीय राजधानी फल एवं सब्जी मंडी आजादपुर में इन दिनों प्याज के दाम 200-400 रुपये प्रति बोरी (40 किलो) चल रहे है। पिछले एक माह में इसकी कीमतों 80 रुपये प्रति बोरी तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। महाराष्ट्र की मंडियों में इसके दाम 600-800 रुपये प्रति क्विंटल हैं। प्याज की क्वालिटी होने के कारण इसकी कीमतों में इजाफा हुआ है। दरअसल बीते दिनों में गर्मी अधिक पड़ने कारण इसकी क्वालिटी हल्की पड़ गई है। वहीं दूसरी ओर इस साल प्याज का स्टॉक भी कम बचा है। राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान विकास फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) के अनुसार तापमान में उथल-पुथल के चलते स्टोर के दौरान सड़न पैदा होने की समस्या पैदा हुई थी। इस वजह से इसके स्टॉक में कमी आई है। चालू वर्ष में प्याज का स्टॉक 25 लाख टन का हुआ है। जबकि पिछले साल 25.65 लाख टन प्याज का स्टॉक किया गया था। प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए नेफेड ने जून माह के लिए इसका एमईपी 30 डॉलर बढ़ाकर 185-190 डॉलर प्रति टन कर दिया था। नतीजतन जून में मई के 2.02 लाख टन के मुकाबले प्याज का निर्यात घटकर 1.6 लाख टन रहने का अनुमान है। जुलाई महीने के लिए एमईपी में कोई बदलाव नहीं किया गया है।मंडी में अच्छी क्वालिटी वाले प्याज की सप्लाई बहुत कम हो रही है।इन दिनों 90-100 ट्रकों की दैनिक सप्लाई हो रही है। इसमें से महज 10-15 ट्ऱक अच्छी क्वालिटी वाली प्याज की है। दरअसल गर्मी अधिक पड़ने के कारण प्याज की क्वालिटी हल्की पड़ गई है। एनएचआरडीएफ के मुताबिक पूरे साल प्याज के अच्छे दाम मिलने के कारण इस बार लेट खरीफ और खरीफ सीजन के दौरान इसकी फसल पिछले खरीफ सीजन के मुकाबले 50 फीसदी अधिक बुवाई होने का अनुमान है। वहीं तमिलनाडु में चालू खरीफ सीजन में प्याज की बुवाई 13.5-14.5 हजार एकड़ जमीन में हुई है। पिछले सीजन में यह आंकड़ा 10-11 हजार एकड़ था। वित्त वर्ष 2008-09 में भारत से प्याज का निर्यात करीब 51 फीसदी बढ़कर 16.70 लाख टन हो गया है। वित्त वर्ष 2007-08 में 11.01 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया था। वहीं वित्त वर्ष 2008-09 में 76.36 लाख टन प्याज की पैदावार हुई थी, जबकि वित्त वर्ष 2007-08 में इसकी उपज 74.50 लाख टन थी। (Business Bhaskar)
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