मुंबई July 01, 2009
वैश्विक वित्तीय बाजारों में छाई अनिश्चितता के बावजूद जस्ते का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाली कंपनी हिंदुस्तान जिंक (एचजेडएल) की स्थापित क्षमता में निरंतर बढ़ोतरी के साथ ही भारत में जिंक के उत्पादन में मई में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
वेदांत समूह की कंपनी एचजेडएल का उत्पादन मई में 15 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 46,801 टन दर्ज किया गया। पिछले साल की इसी अवधि के दौरान उत्पादन का यह आंकडा 40,698 टन था। देश की दूसरी सबसे बडी ज़िंक का उत्पादन करने वाली कंपनी बिनानी जिंक (बीजेडएल) के जिंक के मासिक उत्पादन में 52.56 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह विचाराधीन महीने में 2407 टन से बढ़कर 3267 टन हो गया।
खनन मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहले दो महीने में कुल जिंक का उत्पादन 16.51 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 100,661 टन पहुंच गया जबकि पिछले साल की समान अवधि के दौरान 86,395 टन जिंक का उत्पादन हुआ था। पहले दो महीने की अवधि के दौरान एचजेडएल ने 93,587 टन जिंक का उत्पादन किया जो पिछले साल के 82316 टन की अपेक्षा 14 फीसदी अधिक है।
इसी तरह, बिनानी जिंक ने पिछले वित्त वर्ष के पहले दो महीने में 4070 टन के मुकाबले चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों के दौरान 7074 टन जिंक का उत्पादन किया। एचजेडएल के मुख्य कार्याधिकारी अखिलेश जोशी कहते हैं 'खर्च में कमी और कारोबार में बढ़ोतरी उत्पादन में बढ़ोतरी की प्रमुख वजह है। हम गुणवत्ता को लेकर बिना कोई समझौता किये प्रत्येक इकाई पर अपने प्रदर्शन को दोहराने, पावर रेटिंग और उत्पादकता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।'
एचजेडएल पहले चरण के तहत कारोबार विस्तार कर रही है जिस पर 3,600 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। कारोबार विस्तार के बाद एचजेडएल वर्ष 2010 के मध्य तक संभवत: विश्व की सबसे बड़ी लेड और जिंक का उत्पादन करने वाली कंपनी बन जाएगी। पहले चरण के विस्तार के तहत कंपनी 210,000 टन की क्षमता वाला जिंक स्मेल्टर और 100,000 टन क्षमता वाले लेड स्मेल्टर लगा रही है।
विस्तार से कंपनी की खनन क्षमता में भी काफी इजाफा होगा। विश्व में उत्पादित जिंक का करीब 60 फीसदी हिस्से की खपत गैल्वेनाइज्ड इस्पात उद्योग में होती है जिसका बुनियादी क्षेत्र सबसे ज्यादा इस्तेमाल करता है।
इस लिहाज से जिंक उद्योग का भविष्य बुनियादी क्षेत्र में होने वाले विकास पर काफी निर्भर करता है जो इस समय बुरे दौर से गुजर रहा है। एक विश्लेषक के अनुसार लेकिन घरेलू बुनियादी क्षेत्र में मामूली सुधार के संकेत मिलने से जिंक की मांग में तेजी आने की उम्मीद है। (BS Hindi)
02 जुलाई 2009
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