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08 दिसंबर 2008

आयात शुल्क लगने पर भी सोयाबीन में गिरावट जारी

केंद्र सरकार द्वारा सोया तेल पर आयात शुल्क लगाने के बावजूद सोयाबीन और सोया तेल के दामों में गिरावट थम नहीं रही है। पिछले पंद्रह दिनों के दौरान सोयाबीन के दाम पांच फीसदी तक गिर गए हैं। सोयाबीन के दामों में गिरावट को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 17 नवंबर को सोया तेल के आयात पर 20 फीसदी शुल्क लगा दिया था।इंदौर में सोयाबीन के व्यापारी हेमंत जैन ने बताया कि सोया तेल पर आयात शुल्क लगने के बावजूद दामों में गिरावट जारी है। आयात शुल्क लगाए जाने के समय सोयाबीन के दाम 1730 रुपये प्रति क्विंटल थे जो शनिवार को कम होकर 1660 रुपए प्रति क्विंटल रह गए हैं। इसी तरह, सोया तेल के दामों में भी गिरावट का रुख बना हुआ है। पिछले पंद्रह दिनों में सोया तेल के दाम 545 रुपए प्रति दस किलो से कम होकर 450 रुपए प्रति दस किलो के स्तर पर आ गए हैं। इसके पहले सोयाबीन के दाम 1400 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर तक आ गए थे।इस साल सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1390 रुपए प्रति क्विंटल है। कृष्णा सॉल्वेंट के प्रबंध निदेशक ओ. पी. गोयल के अनुसार अर्जेंटीना में सोयाबीन का बढ़ता स्टॉक, देश में सस्ते पॉम तेल का आयात और कम होती सोयामील की निर्यात मांग के चलते सोयाबीन के दामों में गिरावट आ रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयामील के दाम में जारी गिरावट को देखते हुए इसकी निर्यात मांग में काफी कमी आई है जिसके चलते सॉल्वेंट प्लांटों ने पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले सोयाबीन की पिराई 20-25 फीसदी घटा दी है। हालांकि नवंबर माह में सोया मील का निर्यात बढ़ा था लेकिन पिछले महीनों में कुल मिलाकर गिरावट ही रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयामील के दाम 22,000 प्रति टन से कम होकर 13,600 रुपये प्रति टन पर आ गये हैं। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक बी. वी. मेहता ने बताया कि सोयाबीन के दामों में जारी गिरावट को रोकने के लिए आवश्यक है कि सस्ते पॉम तेल का आयात रोका जाए। इसके लिए पॉम तेल पर आयात शुल्क लगाया जाना चाहिए। देश में सोया तेल का आयात काफी कम होता है। देश के कुल खाद्य तेल आयात में 65 फीसदी पॉम तेल का आयात होता है। (BS Hindi)

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