नई दिल्ली December 18, 2008
जहां अधिकतर खाद्य जिंसों की कीमत में गिरावट हो रही है या गिरावट की आशंका है, वहीं आगामी सीजन में आलू किसानों को फायदा होने की प्रबल संभावना बन रही है।
वायदा बाजार में आलू की कीमतों में लगातार इजाफा दर्ज किया जा रहा है। हालांकि इस बात की भी आशंका जाहिर की जा रही है कि आगामी मार्च-अप्रैल के लिए उत्तर प्रदेश के आलू किसान पिछले साल के मुकाबले कम उत्पादन करेंगे। क्योंकि मार्च-मई के दौरान उन्हें लागत से भी कम कीमत पर आलू बेचना पड़ा था।महंगाई दर में लगातार हो रही बढ़ोतरी के मद्देनजर सरकार ने चार जिंस चना, रबर, सोयाबीन तेल व आलू के वायदा कारोबार पर पाबंदी लगा दी थी। 30 नवंबर को इस पाबंदी की मियाद खत्म हो गयी और 4 दिसंबर से इन सभी प्रतिबंधित जिंसों का वायदा कारोबार फिर से शुरू हो गया। इन चारों में सबसे अधिक फायदा आलू को होता नजर आ रहा है। आलू के वायदा भाव में पहले दिन से ही बढ़ोतरी जारी है। वायदा एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) में आगामी मार्च के लिए आलू आगरा का वायदा भाव 4 दिसंबर को 480 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ और 12,13, और 15 दिसंबर को यह भाव 500 रुपये प्रति क्विंटल से भी ऊपर चला गया।वहीं मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में आलू के वायदा भाव में और अधिक उछाल देखने को मिल रहा है। 4 दिसंबर को एमसीएक्स में यह भाव 477 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ था, जो 16 दिसंबर को 525 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गया।वायदा बाजार में आलू की खरीदारी भी जमकर हो रही है। एमसीएक्स में रोजाना इसकी खरीदारी 10-30 क्विंटल के बीच की जा रही है वहीं एनसीडीईएक्स में यह खरीदारी रोजाना 160-270 टन के बीच चल रही है।आलू विशेषज्ञों का कहना है कि वायदा भाव खुलने से किसानों को इससे कम कीमत पर आलू बेचने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। उनका यह भी कहना है कि पिछले सीजन में उत्तर प्रदेश के आलू किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। इस कारण वे आगामी सीजन के लिए आलू उत्पादन में कटौती भी कर सकते हैं। फिलहाल आलू की कीमत दिल्ली के आजादपुर मंडी में 228 रुपये प्रति क्विंटल है, तो उत्तर प्रदेश की मंडी में यह 310 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर है।मार्च महीने के दौरान उत्तर प्रदेश में किसानों को 275 रुपये प्रति क्विंटल की दर से आलू बेचना पड़ा था। दिल्ली की मंडी में इसकी कीमत उस दौरान 3 रुपये प्रति किलोग्राम थी। मार्च-अप्रैल में आलू का उत्पादन 115.30 मिलियन टन हुआ था, जो कि वर्ष 2007 के आलू उत्पादन से 30 फीसदी अधिक था। कुल उत्पादन का 40 फीसदी यूपी में होता है। (BS Hindi)
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