कोलकाता December 26, 2008
अगले साल फरवरी तक भारत में चाय नीलामी की तस्वीर बदलने वाली है। उल्लेखनीय है कि देश के कुल चाय उत्पादन का 53 प्रतिशत नीलामी के जरिए बेचा जाता है।
साल 2007 में 9,450 किलोग्राम के कुल उत्पादन में से 5,030 किलोग्राम हजिर नीलामी के जरिए बेची गई थी। हालांकि, पिछले साल बोर्ड ने इलेक्ट्रॉनिक नीलामी का सॉफ्टवेयर विकसित करने के लिए एनएसईडॉटआईटी की शुरुआत की थी। आरंभिक ई-नीलामी सभी छह नीलामी केंद्रों- कोलकाता, सिलिगुड़ी, गुवाहाटी, कूनूर, कोयंबटूर और कोच्चि पर हुई। यहां ई-नीलामी का परीक्षण किया गया। औद्योगिक सूत्रों ने कहा कि प्रतिक्रिया अच्छी रही। ई-नीलामी प्रणाली को दुरुस्त कर जनवरी के अंत तक चालू करने का लक्ष्य है। ई-नीलामी प्रणाली का लक्ष्य बेहतर भाव तलाशना है, लेकिन कइयों के मन में इस बात को लेकर संशय है कि यह प्रणाली तकनीकी और व्यावहारिक तौर पर किस तरह काम करेगी। और वर्तमान नीलामी केंद्रों की भूमिका और कार्य क्या होंगे। वर्तमान नीलामी केंद्रों को भंडारगृहों और वितरण केंद्रों में बदल दिया जाएगा।सब कुछ ठीक चलता रहा और जनवरी के अंत तक इस प्रणाली को शुरू कर दिया गया तो सितंबर 2009 तक खरीदारों के लिए एक मंच उपलब्ध हो सकेगा। उदाहरण के लिए, कोच्चि का कोई खरीदार किसी भी नीलामी केंद्र से चाय खरीद सकेगा। (BS Hindi)
28 दिसंबर 2008
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