31 दिसंबर 2008
एपीएल परिवारों के लिए खाद्यान के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज
नई दिल्ली : आम चुनावों की घड़ी करीब आते देख मंत्रियों के एक समूह ने गरीबी रेखा से ऊपर के परिवारों को राशन की दुकानों के जरिए मिलने वाले गेहूं और चावल की कीमतें बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया है। एक सूत्र ने बताया कि विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता वाले इस समूह ने पिछले सप्ताह गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) के परिवारों के लिए खाद्यान्न की केन्द्रीय कीमतों में 'यथास्थिति बनाए रखने' का निर्णय किया। सूत्रों ने बताया कि बढ़ते सब्सिडी बिल पर चिंता जताते हुए खाद्य मंत्रालय ने गेहूं और चावल का सेंट्रल इश्यू प्राइस (सीआईपी) बढ़ाकर उनके न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के स्तर तक लाने का प्रस्ताव दिया था। इस वित्त वर्ष में सब्सिडी बिल 50,000 करोड़ रुपए से अधिक हो सकता है। एपीएल परिवारों के लिए गेहूं की सीआईपी 6.10 रुपए प्रति किलो और चावल की सीआईपी 8.30 रुपए प्रति किलो है। इनमें 2002 से कोई संशोधन नहीं किया गया है। गेहूं की एमएसपी 10 रुपए प्रति किलो और चावल की 8.50 रुपए प्रति किलो है। सूत्र ने कहा, 'यह प्रस्ताव नया नहीं है। पिछले चार वर्षों से खाद्य मंत्रालय बढ़ोतरी के लिए कोशिश कर रहा है।' राज्यों के आकलन के अनुसार, अक्टूबर 2008 तक एपीएल परिवारों की संख्या 13.13 करोड़ थी लेकिन केन्द्र ने योजना आयोग के दिशानिर्देशों के आधार पर महज 11.52 करोड़ परिवारों की ही मंजूरी दी। हर एपीएल परिवार महीने में 35 किलो खाद्यान्न (गेहूं और चावल) खरीद सकता है। खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, गेहूं और चावल पर आर्थिक लागत कई गुना बढ़ चुकी है और एमएसपी में बढ़ोतरी तथा रखरखाव की लागत बढ़ने के कारण इस समय ये प्रति किलो क्रमश: 14.58 रुपए और 16.99 रुपए के स्तर पर हैं। (ET Hindi)
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