23 दिसंबर 2008
दार्जिलिंग चाय बागानों को मिलेगा एईजेड का दर्जा
कोलकाता: नए साल का आगमन घरेलू चाय इंडस्ट्री के लिए एक अच्छी खबर लेकर आएगा। पहली जनवरी से दार्जिलिंग के 87 चाय बागानों को एग्री-एक्सपोर्ट जोन (एईजी) का दर्जा मिल जाएगा। एईजी का दर्जा हासिल होने से इन चाय बागानों को केंद्र और राज्य सरकारों की चलाई जाने वाली तमाम योजनाओं का फायदा मिलना शुरू हो जाएगा। इससे इन बागानों को अपनी उत्पादकता और गुणवत्ता बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह कदम ऐसे वक्त में सामने आ रहा है जबकि दार्जिलिंग की चाय इंडस्ट्री को ग्लोबल मंदी के चलते अपने निर्यात कारोबार को बचाए रखना मुश्किल हो रहा है। सीजन की शुरुआत में आने वाली पहले और दूसरे फ्लश वाली दार्जिलिंग की चाय दुनिया भर के बाजारों में प्रीमियम श्रेणी में आती है। जबकि सीजन में देर से आने वाली चाय की विदेशी बाजार में कम खपत है। दूसरे फ्लश वाली मस्कटेल फ्लेवर चाय को जापान, अमेरिका और उत्तरी अमेरिका में काफी पसंद किया जाता है। पहले फ्लश की चाय की यूरोपीय बाजारों में काफी मांग है। टी बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, 'भारतीय चाय बोर्ड और पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास कॉरपोरेशन दार्जिलिंग के चाय बागानों को एईजेड का दर्जा देने के लिए इस महीने के अंत तक समझौते पर दस्तखत करेंगे। राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाएगी। एईजेड योजना को लागू करने के लिए यह समिति ही उत्तरदायी होगी।' इन बागानों को एईजेड का दर्जा देने का फैसला सोमवार को राज्य कॉमर्स और इंडस्ट्री सचिव सब्यसाची सेन ने एक बैठक में लिया। इस बैठक में टी बोर्ड के चेयरमैन बसुदेब बनर्जी और दार्जिलिंग टी एसोसिएशन के संजय बंसल भी मौजूद थे। केंद्रीय कॉमर्स मंत्रालय भी दार्जिलिंग चाय के लिए कोलकाता में एक चाय पार्क बनाने की योजना बना रहा है। इसके लिए अभी विचार हो रहा है। एईजेड के बारे में बंसल ने कहा कि इस दर्जे के मिलने से दार्जिलिंग चाय इंडस्ट्री को निर्यात में काफी मदद मिल सकती है। (ET Hindi)
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