मुंबई December 24, 2008
वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के तमाम आश्वासनों के बावजूद सरकार ने अब तक वायदा एक्सचेंजों को गेहूं का वायदा कारोबार दुबारा शुरू करने की इजाजत नहीं दी।
लेकिन अब हाजिर एक्सचेंजों ने फरवरी 2009 के आखिर तक गेहूं का कारोबार शुरू करने की पूरी तैयारी कर ली है। देश के सबसे बड़े वायदा एक्सचेंज एमसीएक्स कीहाजिर कारोबारी शाखा नैशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) की प्रस्तावित योजना के मुताबिक, पहले गुजरात और मध्य प्रदेश में गेहूं का हाजिर अनुबंध शुरू किया जाएगा। बाद में इसे दूसरे राज्यों तक फैलाया जाएगा। हालांकि, गेहूं के बड़े उत्पादक राज्यों जैसे पंजाब और हरियाणा ने अब तक एक्सचेंज को अपने राज्य के किसी जिंस का कारोबार शुरू करने की इजाजत नहीं दी है। मालूम हो कि फरवरी 2008 में सरकार ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए गेहूं के वायदा कारोबार पर पाबंदी लगा दी थी। थोक मूल्य सूचकांक में गेहूं की हिस्सेदारी 7.25 फीसदी की होती है। इस बीच आटा चक्की संचालक अपनी दैनिक जरूरतें पूरी करने के लिए छोटे कारोबारियों से टुकड़ों में खरीदारी कर रहे थे। अच्छी गुणवत्ता के अभाव में मिल संचालकों को मजबूरन अपना उत्पादन आधा करना पड़ा जबकि कइयों ने तो अपना कारोबार ही समेट लिया। नैशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ अंजनी सिन्हा ने कहा, ''हमारे लिए स्टॉक सीमा ही सबसे बड़ी समस्या है। हाजिर कारोबार का प्लेटफॉर्म होने और कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) की मंडियों से हमारे नजदीकी संबंध होने के चलते स्टॉक सीमा हम पर भी लागू होगा।'' हालांकि सिन्हा ने स्पष्ट किया कि कोई भी कारोबारी संबंधित राज्यों में लागू स्टॉक सीमा का उल्लंघन नहीं करेगा। स्टॉक की यह सीमा कारोबारियों पर राज्यों के अनुसार ही लागू होगा।एनएसईएल चक्की संचालकों को 8 फीसदी नमी के मानक वाले गेहूं की पेशकश करेगा। लेकिन विभिन्न राज्यों में गेहूं का यह मानक बदल जाएगा। इतना ही नहीं एक्सचेंज ने प्रीमियम और छूट की योजना भी बनाई है। सूत्रों के मुताबिक, कारोबारियों को 1:1 के प्रीमियम की पेशकश की जाएगी। मतलब यह कि यदि गेहूं में 8 की बजाय 9 फीसदी की नमी होगी तो गेहूं पर 1 फीसदी की छूट मिलेगी। वहीं इसमें 8 की जगह 7 फीसदी नमी हुई तो कारोबारियों को 1 फीसदी का प्रीमियम देना होगा। सिन्हा ने कहा, ''चूंकि हाजिर एक्सचेंज में कोई सट्टेबाजी नहीं होती। इसलिए ऑनलाइन हाजिर एक्सचेंज और मंडी के बीच कोई आर्बिट्रेज मौके नहीं होते। क्योकि इस कारोबार में कई तरह के खर्चे शामिल होते हैं।'' सूत्रों के मुताबिक, ठीक इसी समय एनसीडीईएक्स की हाजिर कारोबारी शाखा एनसीडीईएक्स स्पॉट एक्सचेंज भी गेहूं का कारोबार शुरू करेगा। एनसीडीईएक्स के प्रमुख राजेश कुमार सिन्हा ने बताया, ''ऐसे करीब 4-5 एक्सचेंजों की संभावना के बावजूद हम कारोबार शुरू नहीं करना चाहते। हम कई अंशधारक के साथ बात कर रहे हैं और कइयों ने हिस्सेदारी करने की इजाजत दे दी है।'' राजेश के मुताबिक, एनसीडीईएक्स योजना बना रहा है कि कैसे इस बातचीत को कारोबार में बदला जाए। हालांकि बाजार सूत्रों ने पुष्टि की कि एनसीडीईएक्स की योजना नए सीजन से गेहूं का हाजिर कारोबार शुरू करने का है। खाद्य और कृषि संगठन के ताजा अनुमानों के मुताबिक, इस साल देश में गेहूं का उत्पादन 7.8 करोड़ टन होगा। पिछले साल उत्पादन 7.58 करोड़ टन हुआ था। केंद्र के संकेत के बाद राज्य सरकारों ने 2006 के मध्य में स्टॉक सीमा तय कर दी। बाद में इसे अप्रैल 2009 तक बढ़ा दिया गया। (BS Hindi)
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