26 दिसंबर 2008
एफसीआई की सप्लाई आने से स्थिर हो गए गेहूं के भाव
भारतीय खाद्य निगम द्वारा खुले बाजार में गेहूं की बिक्री शुरू किए जाने से खुले बाजार में भाव नियंत्रित हो गए हैं। आगे भी गेहूं के भाव एफसीआई के मूल्य पर निर्भर होने का अनुमान लगाया जा रहा है किसानों और स्टॉकिस्टों के पास अब गेहूं का स्टॉक सीमित मात्रा में ही बचा है। एफसीआई दिल्ली में 1027 रुपये प्रति क्विंटल के रिजर्व मूल्य के साथ निविदा के जरिये गेहूं बेच रही है। जबकि अभी तक राज्यवार निश्चित भाव पर गेहूं खुले बाजार में जारी करती थी। गेहूं के भावों में फ्लोर मिलों के बीच ज्यादा स्पर्धा न होने के कारण दिल्ली सहित तमाम राज्यों में एफसीआई रिजर्व मूल्य के आसपास ही बिक रहा है। दिल्ली में रिजर्व मूल्य 1027 रुपये है तो खुले बाजार में भाव करीब 1140 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। दिल्ली के गेहूं व्यापारी कमलेश जैन ने बताया कि एफसीआई का गेहूं आते ही भाव घटकर 1140 रुपये प्रति रह जाते हैं लेकिन सरकारी गेहूं की आवक समाप्त होते ही भाव बढ़कर 1170 रुपये प्रति क्विंटल हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि एफसीआई द्वारा फ्लोर मिलों के लिए गेहूं लेने की मात्रा तय की हुई है इसलिए मिलें तय मात्रा के अंदर ही निविदाएं भर पा रही हैं। मथूरा के फ्लोर मिल मालिक राजेंद्र बसंल ने बताया कि उत्तर प्रदेश की मंडियों में गेहूं के भाव 1050 से 1060 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। बेंगलुरू के गेहूं व्यापारी नवीन कुमार ने बताया कि दक्षिण की मिलों में 80 प्रतिशत गेहूं की आपूर्ति एफसीआई के गोदामों से हो रही है। दक्षिण भारत की मिलों में गेहूं पहुंच के भाव 1300 से 1310 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। एफसीआई के पास एक दिसंबर को गेहूं का स्टॉक 196 लाख टन का बचा हुआ था जोकि पिछले वर्ष एक दिसंबर के 84 लाख टन स्टॉक से दोगुने से भी ज्यादा है। ऐसे में पहली अप्रैल को नई फसल के समय सरकारी गोदामों में गेहूं का बफर स्टॉक 40 लाख टन के मुकाबले 90 से 100 लाख टन बचने की उम्मीद है। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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