29 दिसंबर 2008
रबर के भाव गिरने से उत्पादक मुश्किल में
नई दिल्ली। नीचे भावों में उत्पादकों की बिकवाली घटने से पिछले पंद्रह दिनों में प्राकृतिक रबर का दाम करीब दस रुपये प्रति किलो सुधर गया है। हालांकि चालू वर्ष में प्राकृतिक रबर के उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना है। कच्चे तेल की कीमतों में चल रही भारी गिरावट को देखते हुए आगामी दिनों में प्राकृतिक रबर में भारी तेजी के आसार नहीं है। भावों में आई गिरावट से रबर उत्पादक को नुकसान उठाना पड़ रहा है।वर्ष 2008-09 में देश में प्राकृतिक रबर का उत्पादन 8.75 लाख टन होने की संभावना है जोकि पिछले वर्ष से ज्यादा है। वर्ष 2007-08 में देश में रबर का कुल उत्पादन 8.25 लाख टन रहा था। नवंबर के अंत में देश में प्राकृतिक रबर का बकाया स्टॉक 1.75 लाख टन रहने का अनुमान है। जबकि वर्ष 2007 की समान अवधि में बकाया स्टॉक 1.48 लाख टन का था। चालू फसल सीजन में उत्पादक राज्यों में मौसम फसल के अनुकूल रहा है जिसको देखते हुए उम्मीद की जा रही है दिसंबर और जनवरी महीने में उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से नवंबर तक देश में प्राकृतिक रबर का कुल उत्पादन 5.72 लाख टन रहा जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका कुल उत्पादन 5.08 लाख टन का ही हुआ था। चालू वर्ष के नवंबर महीने में हालांकि उत्पादन अनुमान से थोड़ा कम रहा है। उम्मीद है कि नवंबर की भरपाई दिसंबर और जनवरी महीने में हो जाएगी। चालू वर्ष के नवंबर महीने में रबर उत्पादन 95,000 टन ही रहा जबकि एक लाख टन उत्पादन की संभावना थी। पिछले वर्ष नवंबर में 1.09 लाख टन उत्पादन हुआ था।खपत की वृद्धि दर अप्रैल से नवंबर महीने तक 4.2 प्रतिशत रही है जोकि पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले ज्यादा है। अप्रैल से नवंबर में 5,93,375 टन रबर की खपत हुई। पिछले वर्ष की समान अवधि में इसकी कुल खपत 5,69,460 टन की हो पाई थी।क्रूड तेल के भावों में अगस्त महीने के बाद से एकतरफा गिरावट आई है। जिसका असर प्राकृतिक रबर के भाव पर पड़ा है। क्रूड तेल के भाव अगस्त में बढ़कर 145 डॉलर प्रति बैरल हो गए थे तथा उस दौरान प्राकृतिक रबर आरएसएस-4 और आरएसएस-5 किस्म की कीमतें भी बढ़कर घरेलू बाजारों में क्रमश: 135 और 137 रुपये किलो के ऊच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। लेकिन उसके बाद जैसे-जैसे क्रूड तेल के भावों में गिरावट आई, उसी हिसाब से रबर की कीमतें भी घटती चली गई। इस समय क्रूड तेल की कीमत 40 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे चल रही है तथा जब तक क्रूड तेल की कीमतों में सुधार नहीं आएगा तब तक रबर की कीमतों में भी सुधार की संभावना नहीं है। 12 दिसंबर को घरेलू बाजारों में आरएसएस-4 और आरएसएस-5 किस्म की रबर की कीमतें घटकर क्रमश: 60 और 58 रुपये प्रति किलो रह गई थी। लेकिन शुक्रवार को आरएसएस-4 और आरएसएस-5 के भाव सुधरकर क्रमश: 69 और 67 रुपये प्रति किलो हो गए। प्राकृतिक रबर की सबसे ज्यादा खपत चीन में होती है तथा चीन में भी आर्थिक मंद गति का असर देखा जा रहा है (Business Bhaskar.....R S Rana)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें