19 दिसंबर 2008
स्टॉकिस्टों ने बढ़ाए मेंथा के भाव
चालू वित्त वर्ष में मेंथा तेल के निर्यात में 15 फीसदी की कमी आई है। भावों में भारी उठा-पटक के कारण इस समय घरेलू मांग भी कमजोर है। लेकिन स्टॉकिस्टों फिर भी भाव बढ़ा रहे हैं। पिछले एक माह में मेंथा तेल के भावों में लगभग 47 रुपये प्रति किलो की तेजी आ चुकी है। अगले सप्ताह यूरोप में क्रिसमस की छुट्टियॉं शुरू हो जाएगी, इसलिए मेंथा तेल की कीमतों में आई तेजी फिर गिरावट में बदल सकती है। भारतीय मसाला बोर्ड के सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर तक मेंथा(क्रिस्टल बोल्ड) के निर्यात में 15 फीसदी की गिरावट आने से 11,500 टन रह गया है। पिछले वर्ष की समान अवधि में 13,505 टन निर्यात रहा था। संभल के मेंथाव्यापारी अनुराग रस्तोगी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चालू वर्ष में बुवाई को देखते हुए मेंथा तेल का उत्पादन 40,000 टन होने का अनुमान लगाया जा रहा था। लेकिन जून व जुलाई महीने में उत्पादक क्षेत्रों में भारी वर्षा होने से उत्पादन घटकर 24,000 से 25,000 टन रहने का अनुमान है। नई फसल के समय उत्पादक मंडियों में करीब 8,000 टन का बकाया स्टॉक मिलाकर कुल उपलब्धता 32,000 से 33,000 टन है। विश्व में मेंथा तेल की कुल खपत 27,000 से 28,000 टन की होती है। दुनिया के मेंथा उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 80 फीसदी है। कुल उपलब्धता के मुकाबले खपत कम ही रहने और निर्यात मांग में कमी को देखते हुए आगामी दिनों में इसके भावों में भारी तेजी की उम्मीद तो नहीं है। लेकिन मेंथा तेल में स्टॉकिस्टों की सक्रियता रहने से उठापटक का दौर जारी रहेगा। जुलाई में स्टॉकिस्टों की सक्रियता बढ़ने से हाजिर में मेंथातेल के भाव बढ़कर 850 रुपये प्रति किलो हो गए थे। लेकिन ऊंचे भावों में निर्यातकों के साथ ही घरेलू मांग कमजोर होने से तेजी जारी नहीं पाई। नवंबर महीने में उत्पादक मंडियों में इसके भाव घटकर नीचे में 495 रुपये प्रति किलो रह गए। चंदौसी, संभल व बाराबंकी में मेंथातेल की दैनिक आवक 200 से 250 ड्रमों (एक ड्रम 180 किलो) की हो रही है। संभल मंडी में 20 नवंबर को मेंथातेल के भाव घटकर नीचे में 495 रुपये प्रति किलो रह गए थे लेकिन स्टॉकिस्टों की सक्रियता बनने से पिछले एक महीने में इसके भावों में 47 रुपये की तेजी आकर भाव 642 रुपये प्रति किलो हो गए। चंदौसी मंडी में भी इस दौरान 48 रुपये की तेजी आने से भाव 644 रुपये प्रति किलो हो गए।बारांबकी में इसके भाव बढ़कर 620 रुपये प्रति किलो बोले गए। कांता केमिकल कंपनी के जुगल किशोर ने बताया कि निर्यातकों द्वारा पिछले महीने क्रिस्टल बोल्ड के भाव 15 डॉलर प्रति किलो (सीएंडएफ) बोले जा रहे थे लेकिन क्रिसमस की छुट्टियों को देखते हुए कुछेक सौदे 16.50 डॉलर प्रति किलो में होने से स्टॉकिस्टों ने तेजी का रुख बना दिया है। उनका मानना है कि यूरोप में जनवरी के प्रथम सप्ताह तक छुट्टियां रहेगी, इसलिए नए सौदे जनवरी में ही होंगे। अत: मेंथातेल के भावों में आई तेजी कभी भी गिरावट में बदल सकती है (Business Bhaskar.........R S Rana)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें