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21 दिसंबर 2008

मित्र देशों को 20 लाख टन गेहूं के निर्यात की अनुमति

नई दिल्ली December 19, 2008
अनाज की रिकॉर्ड खरीद से उत्साहित सरकार ने 20 लाख टन गेहूं के निर्यात की अनुमति दे दी है।
सरकार ने यह अनुमति अपने मित्र देशों के आग्रह को देखते हुए दी है। गौरतलब है कि केंद्रीय पूल में अनाज की किल्लत को देखते हुए सरकार ने दो साल पहले गेहूं के निर्यात पर पूरी तरह रोक लगा दी थी।केंद्रीय कृषि और खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह ने राज्यसभा में बताया कि केंद्रीय पूल में गेहूं का भंडार संतोषजनक होने के चलते इसके निर्यात का निर्णय लिया गया।दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक इस देश ने कूटनीतिक संबंधों के निर्वाह हेतु यह कदम उठाया है। उनके मुताबिक, इस निर्यात का भुगतान भारतीय विदेश मंत्रालय करेगा। मंत्रालय भारतीय खाद्य निगम को तुलनात्मक रूप से सस्ती दर पर गेहूं का भुगतान करेगा। इससे पहले इस महीने की शुरुआत में सरकार ने नेपाल और म्यांमार को क्रमश: 10,000 टन और 950 टन गेहूं निर्यात करने का निर्णय लिया था। मालूम हो कि फरवरी 2007 में गेहूं के निर्यात पर सरकार ने रोक लगा दी थी ताकि घरेलू बाजार में इसकी कीमतें नियंत्रित हो सके। इससे पहले सरकार ने 2006 में करीब 55 लाख टन और 2007 में 18 लाख टन गेहूं का आयात किया था। सिंह ने कहा कि अगले दो साल में गेहूं की जरूरत पूरी हो जाएगी। (BS Hindi)

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