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18 दिसंबर 2008

हरियाणा में धान का उत्पादन घटा

चंडीगढ़/रायपुर December 17, 2008
बीमारियों के कारण हरियाणा में धान का उत्पादन 2008-09 के खरीफ सीजन में लगभग 11 प्रतिशत घटकर 48 लाख टन रह गया।
वहीं पंजाब में उत्पादन में छह प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हरियाणा को बुआई क्षेत्र में बढ़ोतरी के कारण खरीफ 2008-09 में धान का उत्पादन बढ़कर 60 लाख टन होने का अनुमान था।हरियाणा कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस साल अक्टूबर में धान की फसल सूंडी तथा अन्य बीमारियों की चपेट में आ गई। इससे मुख्यत पूसा-1121 किस्म बुरी तरह प्रभावित हुई और कुल उत्पादन में गिरावट आई। सूंडी का असर मुख्यत: रोहतक, झज्जर, करनाल, सोनीपत तथा पानीपत के क्षेत्र में धान की फसल पर देखा गया है। अधिकारी ने कहा कि धान के क्षेत्र में हुए व्यापक नुकसान के कारण हरियाणा में चावल का उत्पादन भी 2008-09 में घटकर 32.31 लाख टन रह गया, जो 2007-08 में 36.61 लाख टन रहा था। इसी तरह धान की उत्पादकता भी घटकर 27.14 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रह गई, जो पिछले साल 33.61 क्ंविटल रही थी। वहीं धान का बुआई क्षेत्र बढ़ने के कारण पंजाब में उत्पादन बढ़ा है। इस साल पंजाब में 27.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बुआई हुई जो गत वर्ष की तुलना में 1.40 लाख हेक्टेयर अधिक है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय का कहना है कि धान उत्पादकता भी सुधरकर 40.50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गई, जो पिछले साल 40.19 क्विंटल प्रति हेक्टेयर थी।छत्तीसगढ़ में खरीद छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर हो रही खरीद के दौरान अब तक किसानों से 872 करोड़ रुपये का धान खरीदा गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ की प्राथमिक सहकारी समितियों के एक हजार 577 उपार्जन केन्द्रों में चालू खरीफ विपणन वर्ष में किसानों से अब तक समर्थन मूल्य पर नौ लाख 48 हजार 948 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है।अधिकारियों बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) द्वारा धान खरीदी के लिए जिलों को अब तक 953 करोड़ 95 लाख रुपये उपलब्ध कराए गए हैं। प्रदेश में अब तक चार लाख 13 हजार 897 किसानों को 872 करोड़ रुपये ज्यादा राशि का भुगतान किया जा चुका है।राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिक सहकारी समितियों के माध्यम से अब तक रायपुर जिले में सर्वाधिक दो लाख 50 हजार 276 टन धान की आवक दर्ज की गई है। (BS Hindi)

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