कोलकाता December 18, 2008
पश्चिम बंगाल सरकार ने घाटे में चल रहे आलू उत्पादकों को राहत देते हुए उन्हें कर्ज चुकाने से तीन साल की छूट दे दी है।
मालूम हो कि राज्य में बड़े पैमाने पर आलू पैदा होने और बाजार तक माल न पहुंच पाने से कई किसानों को तगड़ा नुकसान हुआ है।राज्य के कृषि मंत्री नरेन डे ने बताया कि अगस्त में आलू कारोबारियों के लिए घोषित 40 करोड़ रुपये की परिवहन सब्सिडी के अलावा हमने तय किया कि किसानों के ऋण तीन साल के लिए स्थगित कर दिए जाएं। उन्होंने बताया कि किसानों की मौजूदा हालत ऐसी नहीं है कि वे कुल बकाया चुकता कर सकें, लिहाजा ये फैसला लिया गया।डे के मुताबिक, कर्ज देने वाला मुख्य बैंकर भारतीय स्टेट बैंक है। अनुमान है कि इस साल राज्य में करीब 88 लाख टन आलू पैदा किया गया, जो पिछले साल की तुलना में करीब 25 फीसदी ज्यादा है। राज्य सरकार ने कोल्ड स्टोरेज के पहले आलू का समर्थन मूल्य जहां 250 रुपये प्रति क्विंटल तय किया, वहीं इसका कोल्ड स्टोरेज भाव 300 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया। मौजूदा हालत इतनी खराब है कि किसानों को प्रति क्विंटल आलू के लिए महज 140 से 160 रुपये ही मिल रहे हैं। वेस्ट बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के मुताबिक, आलू उत्पादन और कारोबार से जुड़े लोगों का सामूहिक नुकसान 750 करोड़ रुपये का है। डे ने बताया कि उनकी सरकार राज्य में आलू आधारित उद्योग को प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने बताया कि प्राय: पश्चिम बंगाल बांग्लादेश और दूसरे राज्यों को आलू का निर्यात करता रहा है पर इस बार इन जगहों पर भी आलू का बेहतर उत्पादन हुआ है। ऐसे में इसे अन्य जगहों पर बेच पाना बहुत मुश्किल है। (BS Hindi)
19 दिसंबर 2008
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