08 दिसंबर 2008
खाद्य तेल आयात में आ सकती है कमी
चालू सीजन के दौरान भारत में होने वाले खाद्य तेल आयात में गिरावट आ सकती है। केंद्र सरकार द्वारा सीमा शुल्क में इजाफा किए जाने की वजह से चालू सीजन के दौरान खाद्य तेल आयात में करीब तीन लाख टन की कमी आने की संभावना जताई जा रही है। औद्योगिक सूत्रों के मुताबिक घरेलू स्तर पर तिलहनों का उत्पादन बढ़ने से भी खाद्य तेलों के आयात में कमी आ सकती है। गोदरज इंटरनेशनल के निदेशक दोराब मिस्त्री के मुताबिक चालू सीजन के दौरन करीब 60.05 लाख टन खाद्य तेलों का आयात होने की संभावना है। जबकि पिछले सीजन के दौरान देश में करीब 63 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ था। उन्होंने बताया कि क्रूड सोया तेल के आयात में पचास हजार से करीब तीन लाख टन की कमी आ सकती है। हालांकि क्रूड पाम तेल का आयात 52 लाख टन के स्तर पर स्थिर रह सकता है। उन्होंने बताया कि हालांकि संभावित आयात का यह स्तर ािफी हद तक सरकारी नीतियों पर आधारित रहेगा। सरकार यदि आयात को महंगा करती है तो, इसमें कमी भी देखी जा सकती है। मौजूदा रुझानों को देखते हुए आने वाले दिनों में केंद्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों के आयात को कड़ा करने की उम्मीद ज्यादा है। दरअसल घरेलू बाजारों में तिलहनों की कीमतों में काफी गिरावट आ चुकी है। ऐसे में किसानों को उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है। ऐसे में आने वाले दिनों में खाद्य तेलों के आयात शुल्क में इजाफे की संभावना जताई जा रही है। दोराब मिस्त्री के मुताबिक लोक सभी चुनावों तक सरकार इस पर कुछ फैसला कर सकती है। पिछले दो महीनों के दौरान सोयाबीन की कीमतों में आई गिरावट की वजह से किसानों ने मंडियों में इसकी आवक भी रोक दी है। घरलू बाजारों में ेतिलहनों की कीमतों में आई गिरावट को रोकने के लिए सरकार ने पिछले महीने क्रूड सोया तेल पर बीस फीसदी आयात शुल्क लगा दिया है। इस साल अप्रैल में इसपर से आयात शुल्क हटा लिया गया था। मिस्त्री ने बताया कि इस साल भारत में नया खाद्य तेल सीजन रिकार्ड बकाया स्टॉक के साथ शुरू हुआ है। अक्टूबर में यहां करीब 10.25 लाख टन खाद्य तेलों का बकाया स्टॉक था। पिछले सीजन के दौरान आर्थिक विकास की तेज रफ्तार की वजह से खाद्य तेलों की प्रति व्यक्ति खपत में इजाफा हुआ है। चालू सीजन के दौरान भारत में खाद्य तेल खपत का स्तर बढ़कर 131 लाख टन तक जा सकता है। पिछले सीजन के दौरान घरलू स्तर पर खाद्य तेला खपत का स्तर करीब 128.35 लाख टन था। चालू सीजन के दौरान यदि सरसों तेल का उत्पादन 16.5 लाख टन से बढ़कर 18.5 लाख टन होता है तो, देश में पूर खाद्य तेल उत्पादन का स्तर 71.7 लाख टन के स्तर को पार क सकता है। (Business Bhaskar)
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