आर एस राणा
नई दिल्ली। खाने के तेलों में हो रही मिलावट की शिकायत पर केंद्र सरकार ने राज्यों को खुले में तेल बिक्री पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने इसके बारे में जानकारी दी है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्रालय में अपर सचिव निधि खरे ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा है कि, "पैकेज्ड कमोडिटीज के मामले में निर्धारित मात्रा के पैकेट में ही तेल बेचने की इजाजत है। राज्य इस कानून को सख्ती से पालन कराएं"।
वहीं नागरिक आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने इस पत्र को ट्वीट करके कहा है कि इस बात की लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि बाजार में नियमों के विरुद्ध खुले खाद्य तेल की बिक्री हो रही है। जिसमें मिलावट का खतरा है। लिहाजा राज्य सरकारों को निर्देश दिया गया है कि इस पर सख्त कदम उठाएं और निर्धारित पैकिंग के बिना हो रहे दुषित खुले तेल की बिक्री पर तत्काल रोक लगाएं।
इस बारे में उद्योग लगातार सरकार से मांग करता रहा है, तथा सरकार की ओर से इस तरह की कोशिश पहले भी की जा चुकी है लेकिन राज्यों ने केंद्र के प्रस्ताव पर आपत्ति जता दी थी। दरअसल छोटे कस्बों और गांवों में गरीब तबके के लोग रोज की जरूरत के लिहाज से लूज में तेल खरीदते हैं जो पैकेज्ड के मुकाबले काफी सस्ता भी होता है। देश में खाने के तेल के बाजार में ऐसे ग्राहकों की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है।.......... आर एस राणा
नई दिल्ली। खाने के तेलों में हो रही मिलावट की शिकायत पर केंद्र सरकार ने राज्यों को खुले में तेल बिक्री पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने इसके बारे में जानकारी दी है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्रालय में अपर सचिव निधि खरे ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा है कि, "पैकेज्ड कमोडिटीज के मामले में निर्धारित मात्रा के पैकेट में ही तेल बेचने की इजाजत है। राज्य इस कानून को सख्ती से पालन कराएं"।
वहीं नागरिक आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने इस पत्र को ट्वीट करके कहा है कि इस बात की लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि बाजार में नियमों के विरुद्ध खुले खाद्य तेल की बिक्री हो रही है। जिसमें मिलावट का खतरा है। लिहाजा राज्य सरकारों को निर्देश दिया गया है कि इस पर सख्त कदम उठाएं और निर्धारित पैकिंग के बिना हो रहे दुषित खुले तेल की बिक्री पर तत्काल रोक लगाएं।
इस बारे में उद्योग लगातार सरकार से मांग करता रहा है, तथा सरकार की ओर से इस तरह की कोशिश पहले भी की जा चुकी है लेकिन राज्यों ने केंद्र के प्रस्ताव पर आपत्ति जता दी थी। दरअसल छोटे कस्बों और गांवों में गरीब तबके के लोग रोज की जरूरत के लिहाज से लूज में तेल खरीदते हैं जो पैकेज्ड के मुकाबले काफी सस्ता भी होता है। देश में खाने के तेल के बाजार में ऐसे ग्राहकों की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है।.......... आर एस राणा
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