आर एस राणा
नई दिल्ली। उत्पादक मंडियों में आवक घटने के कारण सीसीआई द्वारा बेची जा रही कपास की बिक्री बढ़ी है। पिछले कारोबारी दिवस में सीसीआई ने एक ही दिन में करीब 7,00,000 गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास बेच दी।
निगम के अनुसार जून तक केवल 2,00,000 गांठ की बिक्री ही हो पाई थी, क्योंकि उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक ज्यादा हो रही थी, साथ ही यार्न मिलें कुल क्षमता का केवल 30 से 40 फीसदी पर ही कार्य कर पा रही है। उत्पादों में मांग कम होने से साथ ही श्रमिकों की कमी आड़े आ रही है। सूत्रों के अनुसार निगम इस समय खुले बाजार में 35,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) की दर से कपास की बिक्री कर रही है तथा बल्क में 2,00,000 गांठ खरीदने वाली कपंनियों को 1,500 रुपये प्रति कैंडी की अतिरिक्त छूट भी दे रही है।
सीजन के अंत तक निगम को करीब 35 से 40 लाख गांठ कपास बिक्री की उम्मीद
सीसीआई ने चालू सीजन में 104 लाख गांठ कपास की खरीद की थी, तथा चालू खरीफ में कपास की बुआई आगे चल रही है। इसलिए कपास की कीमतों में तेजी की संभावना तो नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि सीजन के अंत तक निगम करीब 35 से 40 लाख गांठ कपास बेच देगी। पहली अक्टूबर 2020 से शुरू होने वाले नए सीजन के समय कपास का बकाया स्टॉक सीसीआई के पास ज्यादा बचेगा, जबकि आगामी सीजन में उत्पादन अनुमान भी ज्यादा है। जिस कारण आगे भी कीमतों पर दबाव बना रहने का अनुमान है।
बकाया स्टॉक ज्यादा, बड़ी तेजी की संभावना नहीं
अबोहर के एक कॉटन व्यापारी के अनुसार नया सीजन पहली अक्टूबर 2020 से शुरू होगा, जबकि उससे पहले पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में नई फसल की आवक शुरू हो जायेगी। उन्होंने बताया कि विश्व बाजार में भारतीय कपास सबसे सस्ती है, इसके बावजूद भी निर्यात सौदे सीमित मात्रा में ही हो रहे है, इसलिए कपास की मौजूदा कीमतों में हल्का सुधार तो बन सकता है लेकिन बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।
महाराष्ट्र और तेलंगाना में बुआई ज्यादा, गुजरात में कम
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में कपास की बुआई 113 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 96.35 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी। महाराष्ट्र में चालू खरीफ में 39.83 लाख हेक्टेयर में और तेलंगाना में 20.40 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इन राज्यों में क्रमश: 32.21 और 13.53 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी। गुजरात में जरुर चालू खरीफ में कपास की बुआई अभी तक 20.33 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जोकि पिछले साल के 21.42 लाख हेक्टेयर से कम है। मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में भी बुआई पिछले साल की तुलना में आगे चल रही है। ............. आर एस राणा
नई दिल्ली। उत्पादक मंडियों में आवक घटने के कारण सीसीआई द्वारा बेची जा रही कपास की बिक्री बढ़ी है। पिछले कारोबारी दिवस में सीसीआई ने एक ही दिन में करीब 7,00,000 गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास बेच दी।
निगम के अनुसार जून तक केवल 2,00,000 गांठ की बिक्री ही हो पाई थी, क्योंकि उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक ज्यादा हो रही थी, साथ ही यार्न मिलें कुल क्षमता का केवल 30 से 40 फीसदी पर ही कार्य कर पा रही है। उत्पादों में मांग कम होने से साथ ही श्रमिकों की कमी आड़े आ रही है। सूत्रों के अनुसार निगम इस समय खुले बाजार में 35,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) की दर से कपास की बिक्री कर रही है तथा बल्क में 2,00,000 गांठ खरीदने वाली कपंनियों को 1,500 रुपये प्रति कैंडी की अतिरिक्त छूट भी दे रही है।
सीजन के अंत तक निगम को करीब 35 से 40 लाख गांठ कपास बिक्री की उम्मीद
सीसीआई ने चालू सीजन में 104 लाख गांठ कपास की खरीद की थी, तथा चालू खरीफ में कपास की बुआई आगे चल रही है। इसलिए कपास की कीमतों में तेजी की संभावना तो नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि सीजन के अंत तक निगम करीब 35 से 40 लाख गांठ कपास बेच देगी। पहली अक्टूबर 2020 से शुरू होने वाले नए सीजन के समय कपास का बकाया स्टॉक सीसीआई के पास ज्यादा बचेगा, जबकि आगामी सीजन में उत्पादन अनुमान भी ज्यादा है। जिस कारण आगे भी कीमतों पर दबाव बना रहने का अनुमान है।
बकाया स्टॉक ज्यादा, बड़ी तेजी की संभावना नहीं
अबोहर के एक कॉटन व्यापारी के अनुसार नया सीजन पहली अक्टूबर 2020 से शुरू होगा, जबकि उससे पहले पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में नई फसल की आवक शुरू हो जायेगी। उन्होंने बताया कि विश्व बाजार में भारतीय कपास सबसे सस्ती है, इसके बावजूद भी निर्यात सौदे सीमित मात्रा में ही हो रहे है, इसलिए कपास की मौजूदा कीमतों में हल्का सुधार तो बन सकता है लेकिन बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।
महाराष्ट्र और तेलंगाना में बुआई ज्यादा, गुजरात में कम
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में कपास की बुआई 113 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 96.35 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी। महाराष्ट्र में चालू खरीफ में 39.83 लाख हेक्टेयर में और तेलंगाना में 20.40 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इन राज्यों में क्रमश: 32.21 और 13.53 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी। गुजरात में जरुर चालू खरीफ में कपास की बुआई अभी तक 20.33 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जोकि पिछले साल के 21.42 लाख हेक्टेयर से कम है। मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में भी बुआई पिछले साल की तुलना में आगे चल रही है। ............. आर एस राणा
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