आर एस राणा
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2019-20 में देश से बासमती चावल का निर्यात बढ़ा है, जबकि कोरोना वायरस जैसी महामारी के कारण जहां अन्य एग्री जिंसों की निर्यात मांग पर असर पड़ा है, वहीं बासमती चावल में निर्यात मांग अच्छी बनी हुई है, जिससे घरेलू बाजार में चावल और धान की कीमतों में और भी सुधार आने का अनुमान है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 में देश से बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 44.54 लाख टन का हुआ है जोकि पिछले वित्त वर्ष 2018-19 के 44.14 लाख टन से ज्यादा है। हालांकि गैर-बासमती चावल के निर्यात में इस दौरान कमी आई है। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान गैर-बासमती चावल का निर्यात 50.36 लाख टन का ही हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 76.47 लाख टन का हुआ था।
मंत्रालय के अनुसार मूल्य के हिसाब से वित्त वर्ष 2019-20 में बासमती चावल का निर्यात 31,026 करोड़ रुपये और गैर-बासमती चावल का निर्यात 14,353 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष के दौरान इनका निर्यात मूल्य के हिसाब से क्रमश: 32,804 करोड़ और 21,171 करोड़ रुपये का हुआ था।
हरियाणा की कैथल मंडी के एक बासमती चावल के निर्यातक के अनुसार इस समय सऊदी अरब, इराक एवं कुवैत के साथ ही यूरोपीय देशों की आयात मांग अच्छी है। हालांकि ईरान को सीधे निर्यात सौदे कम हो रहे हैं, लेकिन वायदा दुबई निर्यात हो रहा है। घरेलू बाजार में बासमती चावल और धान का बकाया स्टॉक कम है जबकि नई फसल की आवक अक्टूबर अंत या फिर नवंबर में बनेगी, इसलिए घरेलू बाजार में बासमती चावल के साथ ही धान की कीमतों में और भी सुधार आने का अनुमान है। शनिवार को मंडियों में बासमती चावल पूसा 1,121 सेला का भाव 5,500 रुपये और धान का भाव 3,500 रुपये प्रति क्विंटल रहा। डूप्लीकेट बासमती धान का भाव मंडी में 3,200 से 3,300 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया। ................. आर एस राणा
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2019-20 में देश से बासमती चावल का निर्यात बढ़ा है, जबकि कोरोना वायरस जैसी महामारी के कारण जहां अन्य एग्री जिंसों की निर्यात मांग पर असर पड़ा है, वहीं बासमती चावल में निर्यात मांग अच्छी बनी हुई है, जिससे घरेलू बाजार में चावल और धान की कीमतों में और भी सुधार आने का अनुमान है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 में देश से बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 44.54 लाख टन का हुआ है जोकि पिछले वित्त वर्ष 2018-19 के 44.14 लाख टन से ज्यादा है। हालांकि गैर-बासमती चावल के निर्यात में इस दौरान कमी आई है। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान गैर-बासमती चावल का निर्यात 50.36 लाख टन का ही हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 76.47 लाख टन का हुआ था।
मंत्रालय के अनुसार मूल्य के हिसाब से वित्त वर्ष 2019-20 में बासमती चावल का निर्यात 31,026 करोड़ रुपये और गैर-बासमती चावल का निर्यात 14,353 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष के दौरान इनका निर्यात मूल्य के हिसाब से क्रमश: 32,804 करोड़ और 21,171 करोड़ रुपये का हुआ था।
हरियाणा की कैथल मंडी के एक बासमती चावल के निर्यातक के अनुसार इस समय सऊदी अरब, इराक एवं कुवैत के साथ ही यूरोपीय देशों की आयात मांग अच्छी है। हालांकि ईरान को सीधे निर्यात सौदे कम हो रहे हैं, लेकिन वायदा दुबई निर्यात हो रहा है। घरेलू बाजार में बासमती चावल और धान का बकाया स्टॉक कम है जबकि नई फसल की आवक अक्टूबर अंत या फिर नवंबर में बनेगी, इसलिए घरेलू बाजार में बासमती चावल के साथ ही धान की कीमतों में और भी सुधार आने का अनुमान है। शनिवार को मंडियों में बासमती चावल पूसा 1,121 सेला का भाव 5,500 रुपये और धान का भाव 3,500 रुपये प्रति क्विंटल रहा। डूप्लीकेट बासमती धान का भाव मंडी में 3,200 से 3,300 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया। ................. आर एस राणा
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