आर एस राणा
नई दिल्ली। तिलहनों का आयात वित्त वर्ष 2019-20 में बढ़कर लगभग दोगुना हो गया है, जबकि इस दौरान इनका निर्यात केवल 15 फीसदी ही बढ़ा है। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान तिलहनों का आयात 5,20,871 टन का मूल्य के हिसाब से 2,838.11 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 2,58,742 टन का मूल्य के हिसाब से 1,456.20 करोड़ रुपये का ही आयात हुआ था।
एसईए के अनुसार तिलहनों का निर्यात वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 10,68,215 टन का मूल्य के हिसाब से 9,391.19 करोड़ रुपये का हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 10,47,305 टन तिलहनों का निर्यात मूल्य के हिसाब से 8,119.76 करोड़ रुपये का हुआ था। इस दौरान सबसे ज्यादा मूंगफली का निर्यात 6,64,442 टन का, शीसम सीड का 2,82,210 टन का, सोयाबीन का 74,669 टन का और सरसों का 30,669 टन का हुआ है।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के अनुसार मध्य प्रदेश में सोयाबीन की बुआई जुलाई अंत तक पूरी हो जायेगी, तथा 50 फीसदी क्षेत्रफल में फसल में फूल आने शुरू हो गए हैं, तथा फसल की स्थिति अच्छी है। हालांकि फसल को अगले पांच से सात दिनों में पानी की जरुरत है, नहीं तो प्रति हेक्टेयर उत्पादकता प्रभावित होने हो सकती है। महाराष्ट्र के भी कई जिलों में सोयाबीन की फसल को पानी की आवश्यकता है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में सोयाबीन की बुआई बढ़कर 109.54 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल के 79.40 लाख हेक्टयेर से ज्यादा है। मध्य प्रदेश में सोयाबीन की बुआई बढ़कर 55.07 लाख हेक्टेयर में और महाराष्ट्र में 38.17 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इन राज्यों में क्रमश: 40.81 और 23.11 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी।............. आर एस राणा
नई दिल्ली। तिलहनों का आयात वित्त वर्ष 2019-20 में बढ़कर लगभग दोगुना हो गया है, जबकि इस दौरान इनका निर्यात केवल 15 फीसदी ही बढ़ा है। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान तिलहनों का आयात 5,20,871 टन का मूल्य के हिसाब से 2,838.11 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 2,58,742 टन का मूल्य के हिसाब से 1,456.20 करोड़ रुपये का ही आयात हुआ था।
एसईए के अनुसार तिलहनों का निर्यात वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 10,68,215 टन का मूल्य के हिसाब से 9,391.19 करोड़ रुपये का हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 10,47,305 टन तिलहनों का निर्यात मूल्य के हिसाब से 8,119.76 करोड़ रुपये का हुआ था। इस दौरान सबसे ज्यादा मूंगफली का निर्यात 6,64,442 टन का, शीसम सीड का 2,82,210 टन का, सोयाबीन का 74,669 टन का और सरसों का 30,669 टन का हुआ है।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के अनुसार मध्य प्रदेश में सोयाबीन की बुआई जुलाई अंत तक पूरी हो जायेगी, तथा 50 फीसदी क्षेत्रफल में फसल में फूल आने शुरू हो गए हैं, तथा फसल की स्थिति अच्छी है। हालांकि फसल को अगले पांच से सात दिनों में पानी की जरुरत है, नहीं तो प्रति हेक्टेयर उत्पादकता प्रभावित होने हो सकती है। महाराष्ट्र के भी कई जिलों में सोयाबीन की फसल को पानी की आवश्यकता है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में सोयाबीन की बुआई बढ़कर 109.54 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल के 79.40 लाख हेक्टयेर से ज्यादा है। मध्य प्रदेश में सोयाबीन की बुआई बढ़कर 55.07 लाख हेक्टेयर में और महाराष्ट्र में 38.17 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इन राज्यों में क्रमश: 40.81 और 23.11 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी।............. आर एस राणा
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