आर एस राणा
नई दिल्ली। ग्वार गम उत्पादों में निर्यात मांग कमजोर है, साथ ही चालू खरीफ में ग्वार सीड की बुआई भी आगे चल रही है। उत्पादक राज्यों में मानसूनी बारिश भी अच्छी होने का अनुमान है, इसके बावजूद भी ग्वार गम और सीड की कीमतों में स्टॉकिस्ट तेजी लाना चाहते हैं, ताकि स्टॉक हल्का कर सके।
हरियाणा के आदमपुर स्थित एक ग्वार गम कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने बताया कि इस समय ग्वार गम उत्पादों के निर्यात सौदे सीमित मात्रा में ही रहे हैं, जबकि मंडियों में ग्वार सीड का बकाया स्टॉक भी ज्यादा है। इसके बावजूद भी स्टॉकिस्ट भाव तेज करके स्टॉक हल्का करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि स्टॉकिस्ट वायदे में भाव तेज कर देते हैं, जिसका असर हाजिर बाजार में भाव पर पड़ता है। उन्होंने बताया कि ग्वार गम उत्पादों की निर्यात मांग को देखते हुए तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए। सोमवार को मंडी में ग्वार सीड के भाव 3,450 से 3,500 रुपये और ग्वार गम के भाव 5,450 से 5,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
ग्वार गम उत्पादों का निर्यात घटा
बिकानेर मंडी के ग्वार सीड कारोबारी के अनुसार उत्पादक मंडियों में ग्वार सीड का बकाया स्टॉक ज्यादा है, तथा मिलों की मांग कमजोर है। इसीलिए स्टॉकिस्ट वायदा में भाव तेज कर रहे हैं लेकिन निर्यात मांग कमजोर होने के कारण तेजी टिक नहीं पायेगी। एपीडा के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात घटकर 3.63 लाख टन का ही हुआ, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 5.13 लाख टन का हुआ था। मूल्य के हिसाबसे वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात घटकर 3,185 करोड़ रुपये का ही हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 4,707 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था।
ग्वार सीड की शुरूआती बुआई अच्छी
राजस्थान कृषि निदेशालय के अनुसार चालू खरीफ में राज्य में ग्वार सीड की शुरूआती बुआई 2.72 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि चालू खरीफ में बुआई का लक्ष्य 30 लाख हेक्टेयर का तय किया गया है। पिछले साल राज्य में 30.32 लाख हेक्टेयर में ग्वार सीड की बुआई हुई थी, तथा 17.16 लाख टन का उत्पादन हुआ था। गुजरात में चालू खरीफ में शुरूआती बुआई बढ़कर 13,358 हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 5,323 हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी। राज्य में ग्वार सीड की बुआई 1.60 लाख हेक्टेयर में होती है। ..... आर एस राणा
नई दिल्ली। ग्वार गम उत्पादों में निर्यात मांग कमजोर है, साथ ही चालू खरीफ में ग्वार सीड की बुआई भी आगे चल रही है। उत्पादक राज्यों में मानसूनी बारिश भी अच्छी होने का अनुमान है, इसके बावजूद भी ग्वार गम और सीड की कीमतों में स्टॉकिस्ट तेजी लाना चाहते हैं, ताकि स्टॉक हल्का कर सके।
हरियाणा के आदमपुर स्थित एक ग्वार गम कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने बताया कि इस समय ग्वार गम उत्पादों के निर्यात सौदे सीमित मात्रा में ही रहे हैं, जबकि मंडियों में ग्वार सीड का बकाया स्टॉक भी ज्यादा है। इसके बावजूद भी स्टॉकिस्ट भाव तेज करके स्टॉक हल्का करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि स्टॉकिस्ट वायदे में भाव तेज कर देते हैं, जिसका असर हाजिर बाजार में भाव पर पड़ता है। उन्होंने बताया कि ग्वार गम उत्पादों की निर्यात मांग को देखते हुए तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए। सोमवार को मंडी में ग्वार सीड के भाव 3,450 से 3,500 रुपये और ग्वार गम के भाव 5,450 से 5,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
ग्वार गम उत्पादों का निर्यात घटा
बिकानेर मंडी के ग्वार सीड कारोबारी के अनुसार उत्पादक मंडियों में ग्वार सीड का बकाया स्टॉक ज्यादा है, तथा मिलों की मांग कमजोर है। इसीलिए स्टॉकिस्ट वायदा में भाव तेज कर रहे हैं लेकिन निर्यात मांग कमजोर होने के कारण तेजी टिक नहीं पायेगी। एपीडा के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात घटकर 3.63 लाख टन का ही हुआ, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 5.13 लाख टन का हुआ था। मूल्य के हिसाबसे वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात घटकर 3,185 करोड़ रुपये का ही हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 4,707 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था।
ग्वार सीड की शुरूआती बुआई अच्छी
राजस्थान कृषि निदेशालय के अनुसार चालू खरीफ में राज्य में ग्वार सीड की शुरूआती बुआई 2.72 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि चालू खरीफ में बुआई का लक्ष्य 30 लाख हेक्टेयर का तय किया गया है। पिछले साल राज्य में 30.32 लाख हेक्टेयर में ग्वार सीड की बुआई हुई थी, तथा 17.16 लाख टन का उत्पादन हुआ था। गुजरात में चालू खरीफ में शुरूआती बुआई बढ़कर 13,358 हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 5,323 हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी। राज्य में ग्वार सीड की बुआई 1.60 लाख हेक्टेयर में होती है। ..... आर एस राणा
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