आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू गन्ना पेराई सीजन 2019-20 (अक्टूबर से सितंबर) के जून अंत तक रिकार्ड 49 लाख टन चीनी का निर्यात हो चुका है जबकि सितंबर अंत तक और चार-पांच लाख टन का निर्यात होने का अनुमान है। अत: पहली अक्टूबर से शुरू हुए चालू पेराई सीजन में कुल 53 से 54 लाख टन चीनी का निर्यात तो होने का अनुमान है लेकिन यह तय लक्ष्य 60 लाख टन से कम ही रहेगा।
उद्योग के अनुसार चालू सीजन में ईरान, मलेशिया, इंडोनेशिया, श्रीलंका और अफगानिस्तान की आयात मांग अच्छी रही थी जिस कारण अभी तक 49 लाख टन चीनी का अभी तक का रिकार्ड निर्यात हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन में कुल 38 लाख टन चीनी का ही निर्यात हुआ था। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार सितंबर अंत तक और चार से पांच लाख टन चीनी का निर्यात होने का अनुमान है।
केंद्र सरकार चीनी मिलों को प्रति टन 10,448 रुपये की दर से निर्यात सब्सिडी दे रही है। उद्योग के अनुसार कोरोना वायरस के कारण अप्रैल और मई में घरेलू खपत कम रही थी, लेकिन आगे त्यौहारी सीजन है जबकि केंद्र सरकार चीनी के न्यूनतम बिक्री भाव में 200 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी जल्द ही कर सकती है, इसलिए घरेलू बाजार में चीनी में मांग बनी रहने का अनुमान है। चीनी की कुल खपत में 60 फीसदी हिस्सेदारी बड़ी कंपनियों की होती है।
उद्योग के अनुसार होटल, रेस्तरां, मॉल, कैंटीन आदि खुल तो गए हैं, लेकिन कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, जिस कारण आम आदमी घर से बाहर आश्वक काम से ही निकल रहा है, साथ ही अभी सार्वजनिक समारोह, शादी आदि में लोगों के भाग लेने की मात्रा तय है जिस कारण चीनी की कुल खपत तो सामान्य के मुकाबले कम है, लेकिन केंद्र सरकार गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के लिए मिलों को निर्यात पर सब्सिडी अगले साल के लिए भी जारी रख सकती है, साथ ही बफर स्टॉक के लिए चीनी मिलों को राहत देगी। इसलिए चीनी की कीमतों में मंदा आने की उम्मीद नहीं है। आगामी पेराई सीजन में 300 लाख टन से ज्यादा चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है।
दिल्ली में चीनी के भाव 3,600 रुपये और उत्तर प्रदेश में एक्स फैक्ट्री 3,325 से 3,375 रुपये प्रति क्विंटल रहे। चीनी का न्यूनतम बिक्री भाव 3,100 रुपये प्रति क्विंटल है, जिसे बढ़ाकर सरकार 3,300 रुपये प्रति क्विंटल करने का जा रही है। .............. आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू गन्ना पेराई सीजन 2019-20 (अक्टूबर से सितंबर) के जून अंत तक रिकार्ड 49 लाख टन चीनी का निर्यात हो चुका है जबकि सितंबर अंत तक और चार-पांच लाख टन का निर्यात होने का अनुमान है। अत: पहली अक्टूबर से शुरू हुए चालू पेराई सीजन में कुल 53 से 54 लाख टन चीनी का निर्यात तो होने का अनुमान है लेकिन यह तय लक्ष्य 60 लाख टन से कम ही रहेगा।
उद्योग के अनुसार चालू सीजन में ईरान, मलेशिया, इंडोनेशिया, श्रीलंका और अफगानिस्तान की आयात मांग अच्छी रही थी जिस कारण अभी तक 49 लाख टन चीनी का अभी तक का रिकार्ड निर्यात हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन में कुल 38 लाख टन चीनी का ही निर्यात हुआ था। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार सितंबर अंत तक और चार से पांच लाख टन चीनी का निर्यात होने का अनुमान है।
केंद्र सरकार चीनी मिलों को प्रति टन 10,448 रुपये की दर से निर्यात सब्सिडी दे रही है। उद्योग के अनुसार कोरोना वायरस के कारण अप्रैल और मई में घरेलू खपत कम रही थी, लेकिन आगे त्यौहारी सीजन है जबकि केंद्र सरकार चीनी के न्यूनतम बिक्री भाव में 200 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी जल्द ही कर सकती है, इसलिए घरेलू बाजार में चीनी में मांग बनी रहने का अनुमान है। चीनी की कुल खपत में 60 फीसदी हिस्सेदारी बड़ी कंपनियों की होती है।
उद्योग के अनुसार होटल, रेस्तरां, मॉल, कैंटीन आदि खुल तो गए हैं, लेकिन कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, जिस कारण आम आदमी घर से बाहर आश्वक काम से ही निकल रहा है, साथ ही अभी सार्वजनिक समारोह, शादी आदि में लोगों के भाग लेने की मात्रा तय है जिस कारण चीनी की कुल खपत तो सामान्य के मुकाबले कम है, लेकिन केंद्र सरकार गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के लिए मिलों को निर्यात पर सब्सिडी अगले साल के लिए भी जारी रख सकती है, साथ ही बफर स्टॉक के लिए चीनी मिलों को राहत देगी। इसलिए चीनी की कीमतों में मंदा आने की उम्मीद नहीं है। आगामी पेराई सीजन में 300 लाख टन से ज्यादा चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है।
दिल्ली में चीनी के भाव 3,600 रुपये और उत्तर प्रदेश में एक्स फैक्ट्री 3,325 से 3,375 रुपये प्रति क्विंटल रहे। चीनी का न्यूनतम बिक्री भाव 3,100 रुपये प्रति क्विंटल है, जिसे बढ़ाकर सरकार 3,300 रुपये प्रति क्विंटल करने का जा रही है। .............. आर एस राणा
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