आर एस राणा
नई दिल्ली। हरियाणा की राइस मिलों में धान घोटाले का मामला सामने आया है। राज्य की 98 चावल मिलों के स्टॉक में 18,883 टन धान कम पाया गया है। विभाग को 6 जिलों की मिलों की शिकायतें मिली थीं। जिनमें, से सबसे ज्यादा गड़बड़ियों वाला जिला कुरुक्षेत्र रहा है।
सूत्रों के अनुसार राज्य के 6 जिलों अम्बाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, पलवल और यमुनानगर की 557 राइस मिलों का फिजिकल वैरीफिकेशन किया गया। जिसमें अम्बाला की 72, करनाल की 190, कैथल की 54, कुरुक्षेत्र की 170, पलवल की 6 और यमुनानगर की 65 चावल मिलें शामिल हैं। सिर्फ उन मिलों का ही वैरीफिकेशन किया गया जिसमें 90 फीसदी से ज्यादा शिकायतें थी। वैरीफिकेशन के दौरान अम्बाला की 3 राइस मिलों में 8.65 टन, करनाल की 47 मिलों में 4,048 टन, कैथल की 7 मिलों में 2,863 टन, कुरुक्षेत्र की 39 मिलों में 11,960 टन और यमुनानगर की 2 मिलों में 6.25 टन धान तय मात्रा से कम पाया गया है। इस तरह से 6 में से 5 जिलों की 98 राइस मिलों में कुल 18,883 टन धान कम पाया गया है। उधर पलवल की चावल मिलों में पूरा धान पाया गया।
इससे पहले भी राज्य की चावल मिलों में धान घोटाले के मामले आ चुके हैं। जिसमें फिजिकल वैरीफिकेशन के बाद सैकड़ों राइस मिलों को नोटिस देकर पैसे वसूले गए थे। कई राइस मिलों को डिफाल्टर घोषित करने के साथ कानूनी कार्रवाई भी की गई थी। लेकिन इस बार मामले में करनाल की एक राइस मिल मालिक पर दूसरे प्रदेशों से चावल मंगवाने का मामला भी सामने आया था। बाद में विभागीय कार्रवाई के तहत मिल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उसके बाद ही राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग ने 6 जिलों की राइस मिलों का फिजिकल वैरीफिकेशन का फैसला किया था। ................ आर एस राणा
नई दिल्ली। हरियाणा की राइस मिलों में धान घोटाले का मामला सामने आया है। राज्य की 98 चावल मिलों के स्टॉक में 18,883 टन धान कम पाया गया है। विभाग को 6 जिलों की मिलों की शिकायतें मिली थीं। जिनमें, से सबसे ज्यादा गड़बड़ियों वाला जिला कुरुक्षेत्र रहा है।
सूत्रों के अनुसार राज्य के 6 जिलों अम्बाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, पलवल और यमुनानगर की 557 राइस मिलों का फिजिकल वैरीफिकेशन किया गया। जिसमें अम्बाला की 72, करनाल की 190, कैथल की 54, कुरुक्षेत्र की 170, पलवल की 6 और यमुनानगर की 65 चावल मिलें शामिल हैं। सिर्फ उन मिलों का ही वैरीफिकेशन किया गया जिसमें 90 फीसदी से ज्यादा शिकायतें थी। वैरीफिकेशन के दौरान अम्बाला की 3 राइस मिलों में 8.65 टन, करनाल की 47 मिलों में 4,048 टन, कैथल की 7 मिलों में 2,863 टन, कुरुक्षेत्र की 39 मिलों में 11,960 टन और यमुनानगर की 2 मिलों में 6.25 टन धान तय मात्रा से कम पाया गया है। इस तरह से 6 में से 5 जिलों की 98 राइस मिलों में कुल 18,883 टन धान कम पाया गया है। उधर पलवल की चावल मिलों में पूरा धान पाया गया।
इससे पहले भी राज्य की चावल मिलों में धान घोटाले के मामले आ चुके हैं। जिसमें फिजिकल वैरीफिकेशन के बाद सैकड़ों राइस मिलों को नोटिस देकर पैसे वसूले गए थे। कई राइस मिलों को डिफाल्टर घोषित करने के साथ कानूनी कार्रवाई भी की गई थी। लेकिन इस बार मामले में करनाल की एक राइस मिल मालिक पर दूसरे प्रदेशों से चावल मंगवाने का मामला भी सामने आया था। बाद में विभागीय कार्रवाई के तहत मिल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उसके बाद ही राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग ने 6 जिलों की राइस मिलों का फिजिकल वैरीफिकेशन का फैसला किया था। ................ आर एस राणा
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