आर एस राणा
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि विश्व स्तर पर मंदी के माहौल में सप्लाई के आगे मांग कम नहीं होने के कारण विश्व बाजार में एग्री जिंसों में गिरावट का रुख जारी रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट के अनुसार कोविड -19 महामारी से उपजे आर्थिक सुस्ती के माहौल में कृषि जिंसों की कीमतों में गिरावट का और भी खतरा है, माना जा रहा है कि एग्री जिंसों की मांग इस साल प्रभावित ही रहेगी। दोनों एजेंसियों का मानना है कि कोरोनो वायरस महामारी के कारण आर्थिक मंदी में एग्री जिंसों की मांग प्रभावित रहेगी जिसका असर कीमतों में गिरावट के रुप में देखने को मिल सकता है। एजेंसियों के अनुसार खाद्य एवं अखाद्य तेलों के साथ ही पशुआहर से संबंधित कृषि उत्पादों की मांग प्रमुख फसलों गेहूं और चावल की तुलना में कम रहेगी।
कोरोना वायर के कारण पहले एग्री जिसों की कीमतों में विश्व स्तर पर गिरावट देखी जा रही है। मक्का के साथ ही डीओसी, जौ, बाजरा आदि की कीमतें पहले ही काफी नीचे आ चुकी हैं। माना जा रहा कि कोरोना वायरस का जिस तेजी से असर बढ़ रहा है, उसके कारण कई देशों में लॉकडाउन, सामाजिक समारोह आदि पर प्रतिबंध अभी जारी ही रहने का अनुमान है। हालांकि दुनिया के कुछ हिस्सों के लॉकडाउन में राहत मिलने के बाद पिछले दिनों कुछ समय में कुछेक एग्री कमोडिटी की कीमतों में हल्का सुधार आया है, लेकिन अभी भी अनिश्चतता का माहौल बना हुआ है। खाद्यान्नों के उत्पादन बढ़ने के अनुपात में मांग कम होने से कीमतों पर दबाव जारी रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में स्वाइन फ्लू जैसे महामारियों के डर से आगे मांस और खास करके सूअर के मांस की मांग और इसकी कीमतों में तेज गिरावट आने का अनुमान है। .............. आर एस राणा
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि विश्व स्तर पर मंदी के माहौल में सप्लाई के आगे मांग कम नहीं होने के कारण विश्व बाजार में एग्री जिंसों में गिरावट का रुख जारी रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट के अनुसार कोविड -19 महामारी से उपजे आर्थिक सुस्ती के माहौल में कृषि जिंसों की कीमतों में गिरावट का और भी खतरा है, माना जा रहा है कि एग्री जिंसों की मांग इस साल प्रभावित ही रहेगी। दोनों एजेंसियों का मानना है कि कोरोनो वायरस महामारी के कारण आर्थिक मंदी में एग्री जिंसों की मांग प्रभावित रहेगी जिसका असर कीमतों में गिरावट के रुप में देखने को मिल सकता है। एजेंसियों के अनुसार खाद्य एवं अखाद्य तेलों के साथ ही पशुआहर से संबंधित कृषि उत्पादों की मांग प्रमुख फसलों गेहूं और चावल की तुलना में कम रहेगी।
कोरोना वायर के कारण पहले एग्री जिसों की कीमतों में विश्व स्तर पर गिरावट देखी जा रही है। मक्का के साथ ही डीओसी, जौ, बाजरा आदि की कीमतें पहले ही काफी नीचे आ चुकी हैं। माना जा रहा कि कोरोना वायरस का जिस तेजी से असर बढ़ रहा है, उसके कारण कई देशों में लॉकडाउन, सामाजिक समारोह आदि पर प्रतिबंध अभी जारी ही रहने का अनुमान है। हालांकि दुनिया के कुछ हिस्सों के लॉकडाउन में राहत मिलने के बाद पिछले दिनों कुछ समय में कुछेक एग्री कमोडिटी की कीमतों में हल्का सुधार आया है, लेकिन अभी भी अनिश्चतता का माहौल बना हुआ है। खाद्यान्नों के उत्पादन बढ़ने के अनुपात में मांग कम होने से कीमतों पर दबाव जारी रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में स्वाइन फ्लू जैसे महामारियों के डर से आगे मांस और खास करके सूअर के मांस की मांग और इसकी कीमतों में तेज गिरावट आने का अनुमान है। .............. आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें