आर एस राणा
नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में हजारों हेक्टेयर भूमि में फसल को नुकसान पहुंचाने वाली टिड्डियों के हमले का खतरा अभी भी बरकरार है। राजस्थान समेत कई राज्यों में टिड्डियों के दल अभी तक सक्रिय हैं। कृषि मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि राजस्थान राज्य के बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर, नागौर, अजमेर, सीकर और जयपुर जिलों, उत्तर प्रदेश के झांसी जिले तथा मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में छोटी गुलाबी टिड्डियां और वयस्क पीली टिड्डियों के झुंड एक दिन पहले सक्रिय पाए गए।
अंतर्राष्ट्रीय संस्था खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने आने वाले दिनों में सीमापार से इनके हमले जारी रहने चेतावनी दी है जिसके मद्देनजर टिड्डी नियंत्रण अभियान तेज हो गया है। एफएओ के अनुसार, भारत-पाक सीमा पर प्रजनन की शुरुआत पहले ही हो चुकी है, जहां जुलाई में व्यापक स्तर पर अंडे देने और झुंड बनने की प्रक्रिया होगी। इसके चलते ही अगस्त के मध्य तक पहली पीढ़ी के ग्रीष्मकालीन झुंड तैयार होंगे।
मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, टिड्डी सर्कल कार्यालयों (एलसीओ) द्वारा 11 अप्रैल, 2020 से छह जुलाई, 2020 तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 1,43,422 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण अभियान चलाया जा चुका है। राज्य सरकारों ने भी राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा और बिहार राज्यों में छह जुलाई, 2020 तक 1,32,465 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण अभियान चलाया। कृषि मंत्रालय ने बताया कि हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल होने से टिड्डी रोधी अभियान में हवाई छिड़काव क्षमता मजबूत हुई है। राजस्थान के अधिसूचित रेगिस्तानी क्षेत्र में एक बेल हेलीकॉप्टर तैनात कर दिया गया है। वहीं, भारतीय वायु सेना ने भी एमआई-17 हेलीकॉप्टर के उपयोग के द्वारा टिड्डी रोधी अभियान में परीक्षण कार्य पूरा किया है।
इसके अलावा कीटनाशकों के छिड़काव के माध्यम से ऊंचे पेड़ों और दुर्गम क्षेत्रों पर टिड्डियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राजस्थान में बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, नागौर और फलोदी जिलों में 15 ड्रोन तैनात कर दिए गए हैं। वर्तमान में छिड़काव वाहनों के साथ 60 नियंत्रण दल राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में तैनात कर दिए गए हैं और साथ ही केन्द्र सरकार के 200 से ज्यादा कर्मचारी टिड्डी नियंत्रण परिचालनों में लगे हुए हैं। इसके अलावा 20 और छिड़काव उपकरण भारत पहुंच गए हैं। मंत्रालय ने बताया कि गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार और हरियाणा राज्यों में अभी तक फसलों को कोई खास नुकसान नहीं हुआ है, हालांकि राजस्थान के कुछ जिलों में कुछ फसलों को मामूली नुकसान हुआ है।........ आर एस राणा
नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में हजारों हेक्टेयर भूमि में फसल को नुकसान पहुंचाने वाली टिड्डियों के हमले का खतरा अभी भी बरकरार है। राजस्थान समेत कई राज्यों में टिड्डियों के दल अभी तक सक्रिय हैं। कृषि मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि राजस्थान राज्य के बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर, नागौर, अजमेर, सीकर और जयपुर जिलों, उत्तर प्रदेश के झांसी जिले तथा मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में छोटी गुलाबी टिड्डियां और वयस्क पीली टिड्डियों के झुंड एक दिन पहले सक्रिय पाए गए।
अंतर्राष्ट्रीय संस्था खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने आने वाले दिनों में सीमापार से इनके हमले जारी रहने चेतावनी दी है जिसके मद्देनजर टिड्डी नियंत्रण अभियान तेज हो गया है। एफएओ के अनुसार, भारत-पाक सीमा पर प्रजनन की शुरुआत पहले ही हो चुकी है, जहां जुलाई में व्यापक स्तर पर अंडे देने और झुंड बनने की प्रक्रिया होगी। इसके चलते ही अगस्त के मध्य तक पहली पीढ़ी के ग्रीष्मकालीन झुंड तैयार होंगे।
मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, टिड्डी सर्कल कार्यालयों (एलसीओ) द्वारा 11 अप्रैल, 2020 से छह जुलाई, 2020 तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 1,43,422 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण अभियान चलाया जा चुका है। राज्य सरकारों ने भी राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा और बिहार राज्यों में छह जुलाई, 2020 तक 1,32,465 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण अभियान चलाया। कृषि मंत्रालय ने बताया कि हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल होने से टिड्डी रोधी अभियान में हवाई छिड़काव क्षमता मजबूत हुई है। राजस्थान के अधिसूचित रेगिस्तानी क्षेत्र में एक बेल हेलीकॉप्टर तैनात कर दिया गया है। वहीं, भारतीय वायु सेना ने भी एमआई-17 हेलीकॉप्टर के उपयोग के द्वारा टिड्डी रोधी अभियान में परीक्षण कार्य पूरा किया है।
इसके अलावा कीटनाशकों के छिड़काव के माध्यम से ऊंचे पेड़ों और दुर्गम क्षेत्रों पर टिड्डियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राजस्थान में बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, नागौर और फलोदी जिलों में 15 ड्रोन तैनात कर दिए गए हैं। वर्तमान में छिड़काव वाहनों के साथ 60 नियंत्रण दल राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में तैनात कर दिए गए हैं और साथ ही केन्द्र सरकार के 200 से ज्यादा कर्मचारी टिड्डी नियंत्रण परिचालनों में लगे हुए हैं। इसके अलावा 20 और छिड़काव उपकरण भारत पहुंच गए हैं। मंत्रालय ने बताया कि गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार और हरियाणा राज्यों में अभी तक फसलों को कोई खास नुकसान नहीं हुआ है, हालांकि राजस्थान के कुछ जिलों में कुछ फसलों को मामूली नुकसान हुआ है।........ आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें