आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 में मध्य जुलाई तक करीब 52 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हो चुके है जिसमें से 48 लाख टन की शिपमेंट भी हो चुकी है। जानकारों के अनुसार सितंबर अंत तक करीब तीन लाख टन चीनी के और निर्यात हो जायेंगे, जिससे कुल निर्यात 55 लाख टन होने का अनुमान है। हालांकि केंद्र सरकार ने चालू पेराई सीजन में 60 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी हुई है।
नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज (एनएफसीएसएफ) के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे के अनुसार भारत से चीन एक लाख टन से ज्यादा चीन खरीद चुका है, जबकि पूरे सीजन में दो से तीन लाख टन चीनी का निर्यात चीन को होने की उम्मीद है। चीन पहले मुख्य रूप से ब्राजील से ही चीनी खरीदता था, मगर अब वह भारत से खरीद कर रहा है। नाकइनवरे के अनुसार चीन के लिए भारत से चीनी खरीदना आसान होता है और वह इस साल भारत से चीनी खरीद रहा है, इसलिए दो से तीन लाख टन चीनी चीन को बेचने का अभी मौका है।
एनएफसीएसएफ के प्रबंध निदेशक ने कहा कि इससे पहले 2007-08 में भारत ने रिकॉर्ड 49 लाख चीनी निर्यात किया था जो रिकार्ड पहले ही टूट चुका है क्योंकि 52 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे अभी तक हो चुके हैं। चीनी के निर्यात पर केंद्र सरकार सरकार चीनी मिलों को 10,448 रुपये प्रति टन की दर से सब्सिडी भी दे रही है।
उद्योग संगठन के अनुसार देश से अब तक 48 लाख टन चीनी की शिपमेंट हो चुकी हैं, जिसमें 55 फीसदी रॉ-शुगर है जबकि 45 फीसदी व्हाईट चीनी है। भारत ने अब तक सबसे ज्यादा चीनी ईरान को निर्यात की है। जानकारी के अनुसार, ईरान को 10 लाख टन से ज्यादा चीनी का निर्यात हुआ है जबकि सोमालिया को पांच लाख टन से अधिक। भारत ने इसके अलावा, इंडोनेशिया, श्रीलंका, अफगानिस्तान, रूस, सुडान, बांग्लादेश और चीन समेत कई देशों को चालू पेराई सीजन में चीनी निर्यात किया है। चीन को 1.23 लाख टन चीनी का निर्यात हो चुका है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार, चालू सीजन 2019-20 में देश में चीनी का उत्पादन 272 लाख टन है जबकि आगामी सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) में 300 लाख टन होने का अनुमान है।................. आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 में मध्य जुलाई तक करीब 52 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हो चुके है जिसमें से 48 लाख टन की शिपमेंट भी हो चुकी है। जानकारों के अनुसार सितंबर अंत तक करीब तीन लाख टन चीनी के और निर्यात हो जायेंगे, जिससे कुल निर्यात 55 लाख टन होने का अनुमान है। हालांकि केंद्र सरकार ने चालू पेराई सीजन में 60 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी हुई है।
नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज (एनएफसीएसएफ) के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे के अनुसार भारत से चीन एक लाख टन से ज्यादा चीन खरीद चुका है, जबकि पूरे सीजन में दो से तीन लाख टन चीनी का निर्यात चीन को होने की उम्मीद है। चीन पहले मुख्य रूप से ब्राजील से ही चीनी खरीदता था, मगर अब वह भारत से खरीद कर रहा है। नाकइनवरे के अनुसार चीन के लिए भारत से चीनी खरीदना आसान होता है और वह इस साल भारत से चीनी खरीद रहा है, इसलिए दो से तीन लाख टन चीनी चीन को बेचने का अभी मौका है।
एनएफसीएसएफ के प्रबंध निदेशक ने कहा कि इससे पहले 2007-08 में भारत ने रिकॉर्ड 49 लाख चीनी निर्यात किया था जो रिकार्ड पहले ही टूट चुका है क्योंकि 52 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे अभी तक हो चुके हैं। चीनी के निर्यात पर केंद्र सरकार सरकार चीनी मिलों को 10,448 रुपये प्रति टन की दर से सब्सिडी भी दे रही है।
उद्योग संगठन के अनुसार देश से अब तक 48 लाख टन चीनी की शिपमेंट हो चुकी हैं, जिसमें 55 फीसदी रॉ-शुगर है जबकि 45 फीसदी व्हाईट चीनी है। भारत ने अब तक सबसे ज्यादा चीनी ईरान को निर्यात की है। जानकारी के अनुसार, ईरान को 10 लाख टन से ज्यादा चीनी का निर्यात हुआ है जबकि सोमालिया को पांच लाख टन से अधिक। भारत ने इसके अलावा, इंडोनेशिया, श्रीलंका, अफगानिस्तान, रूस, सुडान, बांग्लादेश और चीन समेत कई देशों को चालू पेराई सीजन में चीनी निर्यात किया है। चीन को 1.23 लाख टन चीनी का निर्यात हो चुका है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार, चालू सीजन 2019-20 में देश में चीनी का उत्पादन 272 लाख टन है जबकि आगामी सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) में 300 लाख टन होने का अनुमान है।................. आर एस राणा
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