आर एस राणा
नई दिल्ली। केस्टर तेल में चीन की आयात मांग अच्छी बनी हुई है, इसलिए घरेलू बाजार में केस्टर सीड की कीमतों में अभी ज्यादा मंदा आने की उम्मीद नहीं है। चालू महीने के आखिर तक केस्टर सीड की बुआई में तेजी आयेगी तथा चालू सीजन में मानसूनी बारिश अच्छी होने का अनुमान है। ऐसे में बुआई में बढ़ोतरी हुई तो फिर अगस्त, सितंबर में इसकी कीमतों में गिरावट बन सकती है।
गुजरात की केस्टर तेल की निर्यातक फर्म के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार केस्टर तेल में चीन की आयात मांग अच्छी बनी हुई है, इसलिए केस्टर सीड की कीमतों में सुधार आया है। उन्होंने बताया कि केस्टर तेल के निर्यात सौदे 1,175 से 1,190 डॉलर प्रति टन की दर से हो रहे हैं, जबकि पिछले दो महीनों से करीब 50 हजार टन से ज्यादा तेल का का निर्यात हर महीने हो रहा है। उन्होंने बताया कि अभी केस्टर तेल में निर्यात मांग बराबर बनी रहने का अनुमान है, इसलिए केस्टर सीड की कीमतोें में हल्का सुधार और भी बन सकता है। उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड का भाव बुधवार को 795 रुपये प्रति 20 किलो रहा।
राजकोट के केस्टर सीड के कारोबारी ने बताया कि चालू सीजन में मानसूनी बारिश अच्छी होने का अनुमान है, जबकि केस्टर सीड की बुआई जुलाई अंत तक बढ़नी शुरू होगी। किसान इसकी बुआई सबसे बाद में करते हैं, ऐसे में अगर बुआई ज्यादा हुई तो, इसकी मौजूदा कीमतों में अगस्त, सितंबर में 250 से 300 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आ सकता है, लेकिन अगर बुआई में कमी आई तो फिर मंदा आने की उम्मीद नहीं है। उत्पादक राज्यों में किसानों के पास केस्टर सीड का बकाया स्टॉक ज्यादा है, क्योंकि चालू सीजन में उत्पादन भी ज्यादा हुआ था।
सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार मई में केस्टर तेल का निर्यात बढ़कर 54,257 टन का हुआ है जबकि इसके पिछले साल मई में 44,615 टन का निर्यात हुआ था। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल महीने में केस्टर तेल का निर्यात केवल 26,950 टन का ही हुआ था। चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले दो महीनों अप्रैल-मई में केस्टर तेल का निर्यात 81,207 टन का हुआ है। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान कुल निर्यात 5.39 लाख टन का हुआ था।
गुजरात कृषि निदेशालय के अनुसार चालू खरीफ में केस्टर सीड की शुरूआती बुआई 1,927 हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 7,743 हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी। चालू खरीफ में राज्य में केस्टर सीड की बुआई का लक्ष्य 6.23 लाख हेक्टेयर का तय किया गया है। राजस्थान में भी केस्टर सीड की बुआई अभी शुरूआती दौर में ही है। ............. आर एस राणा
नई दिल्ली। केस्टर तेल में चीन की आयात मांग अच्छी बनी हुई है, इसलिए घरेलू बाजार में केस्टर सीड की कीमतों में अभी ज्यादा मंदा आने की उम्मीद नहीं है। चालू महीने के आखिर तक केस्टर सीड की बुआई में तेजी आयेगी तथा चालू सीजन में मानसूनी बारिश अच्छी होने का अनुमान है। ऐसे में बुआई में बढ़ोतरी हुई तो फिर अगस्त, सितंबर में इसकी कीमतों में गिरावट बन सकती है।
गुजरात की केस्टर तेल की निर्यातक फर्म के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार केस्टर तेल में चीन की आयात मांग अच्छी बनी हुई है, इसलिए केस्टर सीड की कीमतों में सुधार आया है। उन्होंने बताया कि केस्टर तेल के निर्यात सौदे 1,175 से 1,190 डॉलर प्रति टन की दर से हो रहे हैं, जबकि पिछले दो महीनों से करीब 50 हजार टन से ज्यादा तेल का का निर्यात हर महीने हो रहा है। उन्होंने बताया कि अभी केस्टर तेल में निर्यात मांग बराबर बनी रहने का अनुमान है, इसलिए केस्टर सीड की कीमतोें में हल्का सुधार और भी बन सकता है। उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड का भाव बुधवार को 795 रुपये प्रति 20 किलो रहा।
राजकोट के केस्टर सीड के कारोबारी ने बताया कि चालू सीजन में मानसूनी बारिश अच्छी होने का अनुमान है, जबकि केस्टर सीड की बुआई जुलाई अंत तक बढ़नी शुरू होगी। किसान इसकी बुआई सबसे बाद में करते हैं, ऐसे में अगर बुआई ज्यादा हुई तो, इसकी मौजूदा कीमतों में अगस्त, सितंबर में 250 से 300 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आ सकता है, लेकिन अगर बुआई में कमी आई तो फिर मंदा आने की उम्मीद नहीं है। उत्पादक राज्यों में किसानों के पास केस्टर सीड का बकाया स्टॉक ज्यादा है, क्योंकि चालू सीजन में उत्पादन भी ज्यादा हुआ था।
सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार मई में केस्टर तेल का निर्यात बढ़कर 54,257 टन का हुआ है जबकि इसके पिछले साल मई में 44,615 टन का निर्यात हुआ था। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल महीने में केस्टर तेल का निर्यात केवल 26,950 टन का ही हुआ था। चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले दो महीनों अप्रैल-मई में केस्टर तेल का निर्यात 81,207 टन का हुआ है। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान कुल निर्यात 5.39 लाख टन का हुआ था।
गुजरात कृषि निदेशालय के अनुसार चालू खरीफ में केस्टर सीड की शुरूआती बुआई 1,927 हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 7,743 हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी। चालू खरीफ में राज्य में केस्टर सीड की बुआई का लक्ष्य 6.23 लाख हेक्टेयर का तय किया गया है। राजस्थान में भी केस्टर सीड की बुआई अभी शुरूआती दौर में ही है। ............. आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें