आर एस राणा
नई दिल्ली। गेहूं की सरकारी खरीद चालू रबी विपणन सीजन 2020-21 में रिकार्ड 389.45 लाख टन की हुई है, जिसमें सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी मात्र 9.19 फीसदी ही है। सरकार खरीद में कमी आने के कारण ही अभी भी उत्पादक मंडियों में गेहूं 1,750 से 1,800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा है जबकि केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,925 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
उत्तर प्रदेश में चालू रबी में 363 लाख टन गेहूं के उत्पादन का अनुमान है जबकि खरीद हो पाई है, मात्र 35.76 लाख टन की, जबकि खरीद का लक्ष्य 55 लाख टन का तय किया गया है। पिछले रबी सीजन में भी राज्य से 55 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन खरीद हुई थी केवल 37 लाख टन की। उत्तर प्रदेश से दक्षिण भारत को बड़ी मात्रा में गेहूं जाता है, लेकिन इस बार मध्य प्रदेश और राजस्थान में भाव सस्ता होने के कारण दक्षिण भारत की फ्लोर मिलें उत्तर प्रदेश से कम खरीद कर रही है, जिस कारण उत्तर प्रदेश में बकाया स्टॉक ज्यादा है। इसीलिए गेहूं की कीमतों पर भी दबाव बना हुआ है। दिल्ली में गेहूं के भाव शुक्रवार को 1,970 से 1,980 रुपये प्रति क्विंटल रहे, तथा सप्ताहभर में इसकी कीमतों में 20 से 30 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया है।
गेहूं उत्पादों में मांग सामान्य से करीब 35 से 40 फीसदी कम, तेजी की उम्मीद नहीं
बंगलुरु के एक फ्लोर मिलर्स के अनुसार राजस्थान और मध्य प्रदेश का गेहूं बंगलुरु पहुंच 2,110 से 2,130 रुपये प्रति क्विंटल है तथा गेहूं उत्पादों में मांग कमजोर है इसलिए मिलर्स भी सीमित मात्रा में ही खरीद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिस तरह से कोरोना वायरस के केस देश में लगातार बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए गेहूं उत्पादों में अभी मांग सामान्य से करीब 35 से 40 फीसदी कम ही रहेगी, जबकि उत्पादक राज्यों में स्टॉक ज्यादा है। इसलिए गेहूं की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। वैसे भी केंद्रीय पूल में पहली जून को 558.25 लाख टन गेहूं का बंपर स्टॉक था, साथ ही केंद्र सरकार गरीबों को नवंबर तक पांच किलो गेहूं-चावल भी फ्री में देगी।
मध्य प्रदेश और राजस्थान से खरीद तय लक्ष्य से भी ज्यादा हुई
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार चालू रबी में 389.45 लाख टन गेहूं की रिकार्ड खरीद हो चुकी है तथा खरीद का लक्ष्य 407 लाख टन का तय किया गया है। पिछले रबी में कुल खरीद 341.32 लाख टन की हुई थी। चालू रबी में मध्य प्रदेश से 129.35 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि राज्य से खरीद का लक्ष्य केवल 100 लाख टन का था। इसी तरह से राजस्थान से खरीद का लक्ष्य 17 लाख टन का था जबकि अभी तक 21.62 लाख टन गेहूं खरीद गया है। पंजाब से चालू रबी में 127.12 लाख टन और हरियाणा से 73.98 लाख टन गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है। इन राज्यों से गेहूं की खरीद का लक्ष्य क्रमश: 135 एवं 95 लाख टन का तय था।
उत्पादन अनुमान ज्यादा
अन्य राज्यों में गुजरात से 57 हजार टन, उत्तराखंड से 38 हजार टन, चंडीगढ़ से 11 हजार टन तथा बिहार से पांच हजार और हिमाचल प्रदेश से तीन हजार टन गेहूं की खरीद हुई है। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में गेहूं का रिकार्ड 10.71 करोड़ टन उत्पादन का अनुमान है जोकि पिछले साल के 10.36 करोड़ टन से अधिक है। ............ आर एस राणा
नई दिल्ली। गेहूं की सरकारी खरीद चालू रबी विपणन सीजन 2020-21 में रिकार्ड 389.45 लाख टन की हुई है, जिसमें सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी मात्र 9.19 फीसदी ही है। सरकार खरीद में कमी आने के कारण ही अभी भी उत्पादक मंडियों में गेहूं 1,750 से 1,800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा है जबकि केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,925 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
उत्तर प्रदेश में चालू रबी में 363 लाख टन गेहूं के उत्पादन का अनुमान है जबकि खरीद हो पाई है, मात्र 35.76 लाख टन की, जबकि खरीद का लक्ष्य 55 लाख टन का तय किया गया है। पिछले रबी सीजन में भी राज्य से 55 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन खरीद हुई थी केवल 37 लाख टन की। उत्तर प्रदेश से दक्षिण भारत को बड़ी मात्रा में गेहूं जाता है, लेकिन इस बार मध्य प्रदेश और राजस्थान में भाव सस्ता होने के कारण दक्षिण भारत की फ्लोर मिलें उत्तर प्रदेश से कम खरीद कर रही है, जिस कारण उत्तर प्रदेश में बकाया स्टॉक ज्यादा है। इसीलिए गेहूं की कीमतों पर भी दबाव बना हुआ है। दिल्ली में गेहूं के भाव शुक्रवार को 1,970 से 1,980 रुपये प्रति क्विंटल रहे, तथा सप्ताहभर में इसकी कीमतों में 20 से 30 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया है।
गेहूं उत्पादों में मांग सामान्य से करीब 35 से 40 फीसदी कम, तेजी की उम्मीद नहीं
बंगलुरु के एक फ्लोर मिलर्स के अनुसार राजस्थान और मध्य प्रदेश का गेहूं बंगलुरु पहुंच 2,110 से 2,130 रुपये प्रति क्विंटल है तथा गेहूं उत्पादों में मांग कमजोर है इसलिए मिलर्स भी सीमित मात्रा में ही खरीद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिस तरह से कोरोना वायरस के केस देश में लगातार बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए गेहूं उत्पादों में अभी मांग सामान्य से करीब 35 से 40 फीसदी कम ही रहेगी, जबकि उत्पादक राज्यों में स्टॉक ज्यादा है। इसलिए गेहूं की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। वैसे भी केंद्रीय पूल में पहली जून को 558.25 लाख टन गेहूं का बंपर स्टॉक था, साथ ही केंद्र सरकार गरीबों को नवंबर तक पांच किलो गेहूं-चावल भी फ्री में देगी।
मध्य प्रदेश और राजस्थान से खरीद तय लक्ष्य से भी ज्यादा हुई
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार चालू रबी में 389.45 लाख टन गेहूं की रिकार्ड खरीद हो चुकी है तथा खरीद का लक्ष्य 407 लाख टन का तय किया गया है। पिछले रबी में कुल खरीद 341.32 लाख टन की हुई थी। चालू रबी में मध्य प्रदेश से 129.35 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि राज्य से खरीद का लक्ष्य केवल 100 लाख टन का था। इसी तरह से राजस्थान से खरीद का लक्ष्य 17 लाख टन का था जबकि अभी तक 21.62 लाख टन गेहूं खरीद गया है। पंजाब से चालू रबी में 127.12 लाख टन और हरियाणा से 73.98 लाख टन गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है। इन राज्यों से गेहूं की खरीद का लक्ष्य क्रमश: 135 एवं 95 लाख टन का तय था।
उत्पादन अनुमान ज्यादा
अन्य राज्यों में गुजरात से 57 हजार टन, उत्तराखंड से 38 हजार टन, चंडीगढ़ से 11 हजार टन तथा बिहार से पांच हजार और हिमाचल प्रदेश से तीन हजार टन गेहूं की खरीद हुई है। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में गेहूं का रिकार्ड 10.71 करोड़ टन उत्पादन का अनुमान है जोकि पिछले साल के 10.36 करोड़ टन से अधिक है। ............ आर एस राणा
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