आर एस राणा
नई दिल्ली। पिछले साल सोयाबीन का उत्पादन भले ही कम हुआ हो, लेकिन कोरोना वायरस के कारण पेराई में कमी के साथ ही सोया डीओसी में निर्यात मांग कम होने के कारण उत्पादक राज्यों में सोयाबीन का बकाया स्टॉक ज्यादा भी ज्यादा बचा हुआ है। चालू खरीफ में सोयाबीन की बुआई ज्यादा हुई है, इसलिए घरेलू मंडियों में सोयाबीन की कीमतों में अभी तेजी की संभावना नहीं है।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के अनुसार पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू फसल सीजन में जून अंत तक 5.73 लाख टन सोया डीओसी का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले फसल सीजन की समान अवधि के मुकाबले 70 फीसदी से ज्यादा घटा है। पिछले फसल सीजन में इस दौरान 19.57 लाख टन सोया डीओसी का निर्यात हुआ था।
जून अंत तक उत्पादक राज्यों में सोयाबीन का बकाया स्टॉक 27.81 लाख टन
सोपा के अनुसार चालू फसल सीजन में 93.06 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ था, जोकि इसके पिछले साल के 109.33 लाख टन से कम था। पिछले साल नई फसल की आवक के बकाया बचे 1.70 लाख टन और तीन लाख टन आयात को मिलाकर कुल उपलब्धता सोयाबीन की 97.76 लाख टन की बैठी थी जोकि पिछले साल के 112.63 लाख टन से कम है। पहली अक्टूबर 2019 से चालू फसल सीजन में सोयाबीन की आवक मंडियों में जून अंत तक 67.45 लाख टन की हुई है जबकि क्रेसिंग 55.70 लाख टन ही हुई है। पिछले साल जून अंत तक सोयाबीन की आवक 89.25 लाख टन की और क्रेसिंग 75 लाख टन की हुई थी। उद्योग के अनुसार जून अंत तक उत्पादक राज्यों में सोयाबीन का बकाया स्टॉक 27.81 लाख टन का है जोकि पिछले साल जून 2019 के 20.74 लाख टन से ज्यादा है।
सोयाबीन की बुआई बढ़कर 101.46 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में सोयाबीन की बुआई बढ़कर 101.46 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 51.66 लाख हेकटेयर से 96.40 फीसदी ज्यादा है। उत्पादक मंडियों में सोयाबीन के भाव 3,650 से 3,700 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं जबकि सोया डीओसी के भाव प्लांट में 31,000 से 32,000 रुपये प्रति टन है। सोयाबीन बकाया स्टॉक ज्यादा है, जबकि नई फसल की बुआई बढ़ रही है इसलिए अभी सोयाबीन की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। ............... आर एस राणा
नई दिल्ली। पिछले साल सोयाबीन का उत्पादन भले ही कम हुआ हो, लेकिन कोरोना वायरस के कारण पेराई में कमी के साथ ही सोया डीओसी में निर्यात मांग कम होने के कारण उत्पादक राज्यों में सोयाबीन का बकाया स्टॉक ज्यादा भी ज्यादा बचा हुआ है। चालू खरीफ में सोयाबीन की बुआई ज्यादा हुई है, इसलिए घरेलू मंडियों में सोयाबीन की कीमतों में अभी तेजी की संभावना नहीं है।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के अनुसार पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू फसल सीजन में जून अंत तक 5.73 लाख टन सोया डीओसी का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले फसल सीजन की समान अवधि के मुकाबले 70 फीसदी से ज्यादा घटा है। पिछले फसल सीजन में इस दौरान 19.57 लाख टन सोया डीओसी का निर्यात हुआ था।
जून अंत तक उत्पादक राज्यों में सोयाबीन का बकाया स्टॉक 27.81 लाख टन
सोपा के अनुसार चालू फसल सीजन में 93.06 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ था, जोकि इसके पिछले साल के 109.33 लाख टन से कम था। पिछले साल नई फसल की आवक के बकाया बचे 1.70 लाख टन और तीन लाख टन आयात को मिलाकर कुल उपलब्धता सोयाबीन की 97.76 लाख टन की बैठी थी जोकि पिछले साल के 112.63 लाख टन से कम है। पहली अक्टूबर 2019 से चालू फसल सीजन में सोयाबीन की आवक मंडियों में जून अंत तक 67.45 लाख टन की हुई है जबकि क्रेसिंग 55.70 लाख टन ही हुई है। पिछले साल जून अंत तक सोयाबीन की आवक 89.25 लाख टन की और क्रेसिंग 75 लाख टन की हुई थी। उद्योग के अनुसार जून अंत तक उत्पादक राज्यों में सोयाबीन का बकाया स्टॉक 27.81 लाख टन का है जोकि पिछले साल जून 2019 के 20.74 लाख टन से ज्यादा है।
सोयाबीन की बुआई बढ़कर 101.46 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में सोयाबीन की बुआई बढ़कर 101.46 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 51.66 लाख हेकटेयर से 96.40 फीसदी ज्यादा है। उत्पादक मंडियों में सोयाबीन के भाव 3,650 से 3,700 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं जबकि सोया डीओसी के भाव प्लांट में 31,000 से 32,000 रुपये प्रति टन है। सोयाबीन बकाया स्टॉक ज्यादा है, जबकि नई फसल की बुआई बढ़ रही है इसलिए अभी सोयाबीन की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। ............... आर एस राणा
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