आर एस राणा
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के समय बढ़ते बीच औद्योगिक गतिविधियों के दोबारा पटरी पर लौटने से चांदी की चमक बढ़ गई है। घरेलू वायदा बाजार में चांदी का भाव गुरुवार को सात साल की नई ऊंचाई पर पहुंच गया। औद्योगिक मांग बढ़ने की उम्मीदों से सोने के मुकाबले चांदी में बढ़त देखी गई।
घरेलू बाजार में चांदी का भाव 2013 के बाद 53,000 रुपये प्रति किलो के उपर चल रहा है जबकि सोने का भाव इस समय 49,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के उपर चल रहा है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चांदी 19 डॉलर प्रति औंस के ऊपर है जबकि सोना 1,800 डॉलर प्रति औंस के ऊपर चल रहा है। जानकारों के अनुसार सोना और चांदी के भाव का अनुपात फिर घटता जा रहा है जो इस बात का संकेत है कि सोने के बजाय चांदी की तरफ निवेशकों का रुझान बढ़ा है।
घरेलू बाजार के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी सोने और चांदी की कीमतों में तेजी आई है और अब दुनियाभर में धीरे-धीरे लॉकडाउन खुलने से औद्योगिक गतिविधियों के दोबारा पटरी पर लौटने से चांदी की चमक सोने के मुकाबले ज्यादा बढ़ गई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर चांदी के सितंबर वायदा अनुबंध में गुरुवार को पिछले सत्र से 181 रुपये की नरमी के साथ 52,877 रुपये प्रति किलो पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले भाव 53,199 रुपये प्रति किलो तक उछला, जोकि सितंबर 2013 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर। सोने में अगस्त अनुबंध में पिछले सत्र से 69 रुपये की कमजोरी के साथ 49,090 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले भाव 49,245 रुपये तक उछला। एमसीएक्स पर सोने का भाव आठ जुलाई 2020 को 49,348 रुपये प्रति 10 ग्राम तक उछला था जोकि रिकॉर्ड है। हाजिर बाजार में एक दिन पहले 24 कैरट शुद्धता का सोना 49,250 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा था। जबकि चांदी का भाव 52,195 रुपये प्रति किलो चल रहा था। इन भाव में जीएसटी शामिल नहीं है।
इंडिया बुलियन एवं ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के अनुसार चांदी औद्योगिक धातु है और लॉकडाउन खुलने से उद्योग में इसकी मांग बढ़ने की उम्मीदों से कीमतों में तेजी दखी जा रही है। हालांकि सोने का भाव ऊंचाई से थोड़ा टूटा है जो क्षणिक गिरावट है मगर आगे तेजी का रुख बना हुआ है। कमोडिटी विश्लेषक अनुज गुप्ता कहते हैं कि वैश्विक स्तर पर औद्योगिक मांग के साथ-साथ देश में आभूषण में भी चांदी की मांग इस बार तेज रह सकती है क्योंकि मानसून अच्छा है जिससे अच्छी पैदावार की उम्मीद की जा रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में आभूषणों की मांग को सपोर्ट मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब कभी सोना महंगा होता है तो ग्रामीण इलाके में चांदी के आभूषणों की मांग बढ़ जाती है।...................... आर एस राणा
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के समय बढ़ते बीच औद्योगिक गतिविधियों के दोबारा पटरी पर लौटने से चांदी की चमक बढ़ गई है। घरेलू वायदा बाजार में चांदी का भाव गुरुवार को सात साल की नई ऊंचाई पर पहुंच गया। औद्योगिक मांग बढ़ने की उम्मीदों से सोने के मुकाबले चांदी में बढ़त देखी गई।
घरेलू बाजार में चांदी का भाव 2013 के बाद 53,000 रुपये प्रति किलो के उपर चल रहा है जबकि सोने का भाव इस समय 49,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के उपर चल रहा है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चांदी 19 डॉलर प्रति औंस के ऊपर है जबकि सोना 1,800 डॉलर प्रति औंस के ऊपर चल रहा है। जानकारों के अनुसार सोना और चांदी के भाव का अनुपात फिर घटता जा रहा है जो इस बात का संकेत है कि सोने के बजाय चांदी की तरफ निवेशकों का रुझान बढ़ा है।
घरेलू बाजार के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी सोने और चांदी की कीमतों में तेजी आई है और अब दुनियाभर में धीरे-धीरे लॉकडाउन खुलने से औद्योगिक गतिविधियों के दोबारा पटरी पर लौटने से चांदी की चमक सोने के मुकाबले ज्यादा बढ़ गई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर चांदी के सितंबर वायदा अनुबंध में गुरुवार को पिछले सत्र से 181 रुपये की नरमी के साथ 52,877 रुपये प्रति किलो पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले भाव 53,199 रुपये प्रति किलो तक उछला, जोकि सितंबर 2013 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर। सोने में अगस्त अनुबंध में पिछले सत्र से 69 रुपये की कमजोरी के साथ 49,090 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले भाव 49,245 रुपये तक उछला। एमसीएक्स पर सोने का भाव आठ जुलाई 2020 को 49,348 रुपये प्रति 10 ग्राम तक उछला था जोकि रिकॉर्ड है। हाजिर बाजार में एक दिन पहले 24 कैरट शुद्धता का सोना 49,250 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा था। जबकि चांदी का भाव 52,195 रुपये प्रति किलो चल रहा था। इन भाव में जीएसटी शामिल नहीं है।
इंडिया बुलियन एवं ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के अनुसार चांदी औद्योगिक धातु है और लॉकडाउन खुलने से उद्योग में इसकी मांग बढ़ने की उम्मीदों से कीमतों में तेजी दखी जा रही है। हालांकि सोने का भाव ऊंचाई से थोड़ा टूटा है जो क्षणिक गिरावट है मगर आगे तेजी का रुख बना हुआ है। कमोडिटी विश्लेषक अनुज गुप्ता कहते हैं कि वैश्विक स्तर पर औद्योगिक मांग के साथ-साथ देश में आभूषण में भी चांदी की मांग इस बार तेज रह सकती है क्योंकि मानसून अच्छा है जिससे अच्छी पैदावार की उम्मीद की जा रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में आभूषणों की मांग को सपोर्ट मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब कभी सोना महंगा होता है तो ग्रामीण इलाके में चांदी के आभूषणों की मांग बढ़ जाती है।...................... आर एस राणा
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