आर एस राणा
नई दिल्ली। मध्य जून तक मानसून की प्रगति काफी अच्छी थी, जिस कारण खरीफ फसलों की बुआई में में अभी तक भारी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन पिछले दस-बारह दिनों से मानसून की चाल धीमी पड़ गई है, तथा उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश नहीं हो रही है जिसका असर फसलों पर पड़ने की आशंका है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू सीजन में खरीफ फसलों की बुआई 88.22 फीसदी बढ़कर 432.97 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 230.03 लाख हेक्टेयर में फसलों की बुआई हो पाई थी। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार पहली जून से 3 जुलाई के दौरान देश भर में सामान्य से 11 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। इस दौरान पूरे देश में औसतन 191.6 मिलीमीटर बारिश होती है जबकि चालू सीजन में 213.1 मिलीमीटर बारिश हुई है। इस दौरान मध्य भारत में सामान्य से 20 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है लेकिन उत्तर भारत के राज्यों में सामान्य से 7 फीसदी कम बारिश हुई है। पंजाब में इस दौरान सामान्य से 18 फीसदी, हरियाणाा और दिल्ली एनसीआर में 16 फीसदी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 37 फीसदी कम बारिश हुई है। राजस्थान में भी इस दौरान सामान्य से 10 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई।
धान की रोपाई ज्यादा, दलहन की बुआई आगे
खरीफ की प्रमुख फसल धान की रोपाई 68.08 लाख हेक्टेयर में हुई है जोकि पिछले साल की समान अवधि की 49.23 लाख हेक्टेयर से थोड़ी कम है। दालों की बुआई चालू खरीफ में बढ़कर 36.82 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 9.46 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी। खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर की बुआई 16.56 लाख हेक्टेयर में, उड़द की 8.77 लाख हेक्टेयर में और मूंग की बुआई 9.10 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुआई क्रमश: 2.79 लाख हेक्टेयर, 1.87 लाख और 3.14 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। अन्य दालों की बुआई भी 2.07 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 1.66 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है।
मक्का, बाजरा के साथ ज्वार की बुआई बढ़ी
मोटे अनाजों की बुआई चालू खरीफ में बढ़कर 70.69 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुआई केवल 35.20 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई थी। मक्का की बुआई बढ़कर चालू सीजन में 45.28 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 23.27 लाख हेक्टेयर में ही मक्का की बुआई हो पाई थी। बाजरा की बुआई बढ़कर 17.90 लाख हेक्टेयर में, ज्वार की 4.55 लाख हेक्टेयर में और रागी की 1.35 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। पिछले साल इस समय तक इनकी बुआई क्रमश: 7.85 लाख हेक्टेयर, 1.70 लाख हेक्टेयर और 1.25 लाख हेक्टेयर में हुई थी।
सोयाबीन, मूंगफली और कपास की बुआई ज्यादा
खरीफ तिलहन की बुआई चालू सीजन में बढ़कर 109.20 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 33.63 लाख हेक्टेयर में ही इनकी बुआई हो पाई थी। खरीफ तिलहन की प्रमुख फसल सोयाबीन की बुआई बढ़कर 81.81 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुआई केवल 16.43 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में अनुकूल मौसम से इसकी बुआई में बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह से मूंगफली की बुआई बढ़कर 25.05 लाख हेक्टेयर में हुई है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 15.58 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। कपास की बुआई चालू खरीफ सीजन में बढ़कर 91.67 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुआई केवल 45.85 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। गन्ने की बुआई चालू खरीफ सीजन में बढ़कर 50.62 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की इसी अवधि के 49.86 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है।................. आर एस राणा
नई दिल्ली। मध्य जून तक मानसून की प्रगति काफी अच्छी थी, जिस कारण खरीफ फसलों की बुआई में में अभी तक भारी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन पिछले दस-बारह दिनों से मानसून की चाल धीमी पड़ गई है, तथा उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश नहीं हो रही है जिसका असर फसलों पर पड़ने की आशंका है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू सीजन में खरीफ फसलों की बुआई 88.22 फीसदी बढ़कर 432.97 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 230.03 लाख हेक्टेयर में फसलों की बुआई हो पाई थी। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार पहली जून से 3 जुलाई के दौरान देश भर में सामान्य से 11 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। इस दौरान पूरे देश में औसतन 191.6 मिलीमीटर बारिश होती है जबकि चालू सीजन में 213.1 मिलीमीटर बारिश हुई है। इस दौरान मध्य भारत में सामान्य से 20 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है लेकिन उत्तर भारत के राज्यों में सामान्य से 7 फीसदी कम बारिश हुई है। पंजाब में इस दौरान सामान्य से 18 फीसदी, हरियाणाा और दिल्ली एनसीआर में 16 फीसदी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 37 फीसदी कम बारिश हुई है। राजस्थान में भी इस दौरान सामान्य से 10 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई।
धान की रोपाई ज्यादा, दलहन की बुआई आगे
खरीफ की प्रमुख फसल धान की रोपाई 68.08 लाख हेक्टेयर में हुई है जोकि पिछले साल की समान अवधि की 49.23 लाख हेक्टेयर से थोड़ी कम है। दालों की बुआई चालू खरीफ में बढ़कर 36.82 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 9.46 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी। खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर की बुआई 16.56 लाख हेक्टेयर में, उड़द की 8.77 लाख हेक्टेयर में और मूंग की बुआई 9.10 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुआई क्रमश: 2.79 लाख हेक्टेयर, 1.87 लाख और 3.14 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। अन्य दालों की बुआई भी 2.07 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 1.66 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है।
मक्का, बाजरा के साथ ज्वार की बुआई बढ़ी
मोटे अनाजों की बुआई चालू खरीफ में बढ़कर 70.69 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुआई केवल 35.20 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई थी। मक्का की बुआई बढ़कर चालू सीजन में 45.28 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 23.27 लाख हेक्टेयर में ही मक्का की बुआई हो पाई थी। बाजरा की बुआई बढ़कर 17.90 लाख हेक्टेयर में, ज्वार की 4.55 लाख हेक्टेयर में और रागी की 1.35 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। पिछले साल इस समय तक इनकी बुआई क्रमश: 7.85 लाख हेक्टेयर, 1.70 लाख हेक्टेयर और 1.25 लाख हेक्टेयर में हुई थी।
सोयाबीन, मूंगफली और कपास की बुआई ज्यादा
खरीफ तिलहन की बुआई चालू सीजन में बढ़कर 109.20 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 33.63 लाख हेक्टेयर में ही इनकी बुआई हो पाई थी। खरीफ तिलहन की प्रमुख फसल सोयाबीन की बुआई बढ़कर 81.81 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुआई केवल 16.43 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में अनुकूल मौसम से इसकी बुआई में बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह से मूंगफली की बुआई बढ़कर 25.05 लाख हेक्टेयर में हुई है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 15.58 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। कपास की बुआई चालू खरीफ सीजन में बढ़कर 91.67 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुआई केवल 45.85 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। गन्ने की बुआई चालू खरीफ सीजन में बढ़कर 50.62 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की इसी अवधि के 49.86 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है।................. आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें