आर एस राणा
नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी गुड़ मंडी मुजफ्फरनगर के साथ ही उत्तर प्रदेश के व्यापारी केंद्र सरकार द्वारा कृषि में लाए गए अधिनियम के विरोध में चार दिनों, 12 जुलाई तक हड़ताल पर चले गए हैं। चालू सीजन में उत्तर प्रदेश में गुड़ का स्टॉक कम माना जा रहा है जबकि महाराष्ट्र में प्रवासी कामगारों के अपने घर चले जाने से उत्पादन कम हो रहा है। मध्य जुलाई से गुड़ की मांग बढ़ेगी, इसलिए गुड़ की कीमतों में आगे और सुधार आने का अनुमान है।
फेडरेशन ऑफ गुड़ ट्रेडर्स के अध्यक्ष अरुण खंडेलवाल ने बताया कि केंद्र सरकार के नए अध्यादेश से किसान मंडी के बाहर अपना उत्पाद बेच सकेंगे। उन्होंने बताया कि मंडी में 2.50 फीसदी मंडी टैक्स लगता है जबकि बाहर यह शून्य हो जो जायेगा। इसलिए कोई भी किसान मंडी के अंदर उत्पाद नहीं बेचेगा, इसका असर व्यापार पर पड़ेगा। इसी के विरोधस्वरूप ही पूरे राज्य की मंडियों में व्यापारियों ने चार दिनों की हड़ताल का आह्वान किया है।
उन्होंने बताया कि चालू सीजन में मुजफ्फरनगर मंडी में गुड़ का स्टॉक पिछले साल के 13 लाख कट्टों (एक कट्टा—40 किलो) के बजाए 11.50 लाख टन का ही हुआ है जबकि पूरे राज्य में केवल 30 लाख कट्टो का ही स्टॉक है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में जुलाई में गुड़ का उत्पादन शुरू हो जाता है, लेकिन कोरोना वायरस के कारण प्रवासी मजदूर अपने गांव चले गए, जिस कारण महाराष्ट्र में उत्पादन शुरू तो हुआ लेकिन सीमित मात्रा में। इसीलिए गुड़ में मांग लगातार बनी हुई है। उन्होंने बताया कि आगे त्यौहारी सीजन शुरू होगा, जिस कारण जुलाई मध्य के बाद गुड़ में मांग और बढ़ेगी, जिससे इसकी कीमतों में हल्का सुधार और भी बन सकता है। मुजफ्फरनगर मंडी गुड़ चाकू के भाव 3,350 से 3,500 रुपये और गुड़ लड्डू के भाव 3,650 से 3,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। ............ आर एस राणा
नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी गुड़ मंडी मुजफ्फरनगर के साथ ही उत्तर प्रदेश के व्यापारी केंद्र सरकार द्वारा कृषि में लाए गए अधिनियम के विरोध में चार दिनों, 12 जुलाई तक हड़ताल पर चले गए हैं। चालू सीजन में उत्तर प्रदेश में गुड़ का स्टॉक कम माना जा रहा है जबकि महाराष्ट्र में प्रवासी कामगारों के अपने घर चले जाने से उत्पादन कम हो रहा है। मध्य जुलाई से गुड़ की मांग बढ़ेगी, इसलिए गुड़ की कीमतों में आगे और सुधार आने का अनुमान है।
फेडरेशन ऑफ गुड़ ट्रेडर्स के अध्यक्ष अरुण खंडेलवाल ने बताया कि केंद्र सरकार के नए अध्यादेश से किसान मंडी के बाहर अपना उत्पाद बेच सकेंगे। उन्होंने बताया कि मंडी में 2.50 फीसदी मंडी टैक्स लगता है जबकि बाहर यह शून्य हो जो जायेगा। इसलिए कोई भी किसान मंडी के अंदर उत्पाद नहीं बेचेगा, इसका असर व्यापार पर पड़ेगा। इसी के विरोधस्वरूप ही पूरे राज्य की मंडियों में व्यापारियों ने चार दिनों की हड़ताल का आह्वान किया है।
उन्होंने बताया कि चालू सीजन में मुजफ्फरनगर मंडी में गुड़ का स्टॉक पिछले साल के 13 लाख कट्टों (एक कट्टा—40 किलो) के बजाए 11.50 लाख टन का ही हुआ है जबकि पूरे राज्य में केवल 30 लाख कट्टो का ही स्टॉक है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में जुलाई में गुड़ का उत्पादन शुरू हो जाता है, लेकिन कोरोना वायरस के कारण प्रवासी मजदूर अपने गांव चले गए, जिस कारण महाराष्ट्र में उत्पादन शुरू तो हुआ लेकिन सीमित मात्रा में। इसीलिए गुड़ में मांग लगातार बनी हुई है। उन्होंने बताया कि आगे त्यौहारी सीजन शुरू होगा, जिस कारण जुलाई मध्य के बाद गुड़ में मांग और बढ़ेगी, जिससे इसकी कीमतों में हल्का सुधार और भी बन सकता है। मुजफ्फरनगर मंडी गुड़ चाकू के भाव 3,350 से 3,500 रुपये और गुड़ लड्डू के भाव 3,650 से 3,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। ............ आर एस राणा
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