हैदराबाद November 06, 2009
अभी देश में बीटी बैंगन के बीज पर बवाल थमा नहीं कि बीटी मक्के की तैयारी शुरू हो गई है।
अमेरिका की वैश्विक बायोटेक खाद्य कंपनी मोनसेंटो की सहायक कंपनी मोनसेंटो इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) ने कहा है कि वह 2012-13 तक आनुवांशिक रूप से विकसित मक्के के बीज पेश करने की तैयारी कर रही है।
एमआईएल के निदेशक ज्ञानेन्द्र शुक्ला ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि प्रस्तावित मक्के के बीज से न केवल 'बीटी' से लैस किया गया है बल्कि कंपनी 'राउंडअप रेडी' तकनीक का इस्तेमाल भी इसमें करेगी, जिससे कीटों से पौधे का बचाव हो सकेगा।
मोनसेंटो बीटी मक्के में अच्छी संभावनाएं देख रही है, क्योंकि भारत में लोगों के खानपान में बदलाव हो रहा है और भारत में मक्के का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। पॉल्ट्री और पशुधन उत्पादन में मक्के की जबरदस्त मांग है। स्टॉर्च उद्योग में भी मक्के का प्रयोग कच्चे माल के रूप में होता है, जिसका कारोबार बहुत तेजी से बढ़ रहा है।
एमआईएल के मुताबिक इस समय देश में करीब 30 उपभोक्ता उद्योग हैं, जो मक्के का उपयोग 1000 से ज्यादा उत्पाद बनाने में करते हैं। कपड़ा, कागज, दवाओं और अन्य तमाम उद्योगों में इसका प्रयोग होता हौ। 2011-12 तक भारत में मक्के की घरेलू मांग 220 लाख टन से ऊपर पहुंच जाने की उम्मीद है। इसके विपरीत 2008 में देश में मक्का उत्पादन महज 193.1 लाख टन रहा है।
इस समय एमआईएल देश में हाइब्रिड मक्के के बीज का कारोबार करती है, जिसका ब्रांड नाम डेकलैब है। इस ब्रांड के अंतर्गत 14 विभिन्न अधिक उत्पादकता वाली किस्में हैं। 2008-09 के दौरान कंपनी की कुल बिक्री में 5.6 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और यह पिछले साल के 219.5 करोड़ रुपये से बढ़कर 231.8 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
शुक्ला का कहना है कि भारत में 1300 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, जो 11.3 अरब डॉलर की कंपनी मॉनसैंटो के लिए बहुत महत्वपूर्ण बाजार है। भारत में कपास के क्षेत्रफल में तेजी से हो रहे विस्तार को देखते हुए कंपनी आत्मविश्वास से लबरेज है और वह भारत में बीटी मक्के के लिए बेहतर संभावनाएं देख रही है।
2008 में भारत में 76 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में बीटी कपास की रोपाई हुई, जो देश में कपास के कुल क्षेत्रफल का 82 प्रतिशत है। शुक्ला ने कहा कि कंपनी सूखा प्रतिरोधी मक्के के बीज पर भी काम कर रही है, जो पहले अमेरिका में 2012 में लॉन्च किया जाएगा। उसके बाद कंपनी इसी तरह के सोयाबीन और कपास के बीज लाने की भी तैयारी कर रही है। (बीएस हिन्दी)
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